100 रुपये किलो आलू!!! आखिर है क्या इसमें खास? ऊपर से दिख रहा काला और अंदर रंग बैंगनी
पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के वीर कुंवर सिंह कृषक सेवा सहकारी समिति लिमिटेड डुमरहत्था के सदस्यों ने काला आलू की खेती शुरू की है। बताया जा रहा है कि यह सेहत के लिए काफी फायदेमंद है और इसका उत्पादन भी आम आलू के मुकाबले तीन गुना अधिक तेजी से होता है। इसकी खेती भी जैविक विधि से की जाती है।
जफर हुसैन, जपला,(पलामू)। पलामू जिले के हुसैनाबाद प्रखंड के वीर कुंवर सिंह कृषक सेवा सहकारी समिति लिमिटेड डुमरहत्था के सदस्यों ने काला आलू की खेती शुरू की है। इस वर्ष तीन किसानों ने काला आलू की खेती की है। यह आलू स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है। इसकी कीमत एक सौ रुपये प्रति किलो है।
आम आलू के मुकाबले अधिक होता है उत्पादन
आम आलू के मुकाबले इसकी तीन गुणा अधिक उपज होती है। दुमरहत्था के किसानों प्रियरंजन सिंह, अशोक मिस्त्री व संजय मिस्त्री ने पांच कट्ठा में काला आलू की फसल लगाई है।
उन्होंने लाल धान, हरा धान, काला गेहूं, सोनामती गेहूं, सुगर फ्री आलू, चिप्सोना आलू, काली हल्दी, पिपरमेंट, तुलसी, लेमन ग्रास की सफल खेती के बाद काला आलू की खेती शुरू की है।
अभी प्रयोग के तौर पर बीज मंगाया गया है। इसकी कीमत 200 रूपए प्रति किलो है। तीन किसान प्रियरंजन सिंह, अशोक मिस्त्री व संजय मिस्त्री ने पांच कट्ठा जमीन में इसकी फसल लगाई है।
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जैविक विधि से की जा रही है खेती
काला आलू की खेती जैविक विधि से की गई है। इसमें किसी प्रकार के रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया गया है। यह सामान्य आलू के मुकाबले काफी कम समय में तैयार हो जाता है। यहां सुगर फ्री आलू व चिप्स बनाने वाला आलू भी लगाया गया है।
इस आलू का उत्पादन सामान्य आलू से लगभग तीन गुणा अधिक होता है। काला आलू का पत्ता आम आलू से अलग होता है। इसका पत्ता आम आलू से छोटा-छोटा होता है। काले आलू का ऊपरी सतह काला तो अंदर का भाग बैंगनी होता है।
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