झारखंड: पलामू में गरीबों को लूट अपना पेट भर रहा राशन माफिया सिंडिकेट, कहीं आधा तो कहीं एक किलो कट; See Report
Jharkhand Palamu News झारखंड के पलामू जिले में गरीबों का लूट अपना पेट भरने में राशन माफिया सिंडिकेट लगा है। जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) के अंतर्गत मिलने वाले राशन में कहीं आधा तो कहीं एक किलो कट कर दिया जाता है। संवाददाता मृत्युंजय पाठक की ये ग्राउंड रिपोर्ट देखें...
By Mritunjay PathakEdited By: Sanjay KumarUpdated: Thu, 24 Nov 2022 01:51 PM (IST)
मेदिनीनगर (पलामू), [मृत्युंजय पाठक]। Jharkhand, Palamu News चैनपुर-गढ़वा रोड पर रामगढ़ पंचायत में सड़क किनारे जन वितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकान पर लाभुकों की कतार लगी है। निकोलस बारला को 1.16 क्विंटल राशन मिला है। इसे लेकर वे सड़क किनारे आटो के इंतजार में बैठे हैं। आटो मिले तो उसपर लादकर करीब एक किलोमीटर दूर अपने गांव बेनीडीह जाएंगे। क्या समय पर और सही मात्रा में राशन मिलता है? इस सवाल के जवाब में बारला कहते हैं- वजन सही नहीं मिलता। पांच यूनिट पर डीलर 500 ग्राम चावल काटता है।
बोरा का वजन भी बहाना
रामगढ़ पंचायत में डीलर विनय साहू की दुकान से 106 कार्डधारी (लाभुक) जुड़े हैं। हर लाभुक की यह शिकायत है कि प्रत्येक पांच यूनिट पर 500 ग्राम राशन कम मिलता है। इस बाबत पूछने पर डीलर विनय कुमार साहू बचाव में अपना तर्क देते हैं। उन्होंने बताया कि ठेकेदार द्वारा दुकान पर राशन नहीं पहुंचाया जाता है। उन्हें 1500 रुपया खर्च कर चैनपुर गोदाम से लाना पड़ता है। साथ ही कुल राशन का वजन बोरा समेत होता है। जबकि लाभुकों को देते समय राशन का वजन बगैर बोरा के किया जाता है।
इसकी भी भरपाई के लिए वजन में 500 ग्राम कम राशन लाभुक को देते हैं। दुकान तक राशन नहीं पहुंचाने वाले ठेकेदार के खिलाफ जिला प्रशासन की शिकायत नहीं करने के सवाल पर साहू कहते हैं-वे माफिया लोग हैं। हम लड़ाई करके कैसे रह पाएंगे?
रजडेरवा में पांच यूनिट से ज्यादा पर एक किलो कट
डोर स्टेप डिलिवरी के तहत गोदाम से पीडीएस दुकान तक राशन पहुंचाने के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने ठेका दे रखा है। समय पर ठेकेदारों को राशन पहुंचाना है। पलामू जिले में ज्यादातर डीलरों की शिकायत है कि ठेकेदार राशन नहीं पहुंचाते हैं। उन्हें अपना पैसा खर्च कर गोदाम से दुकान तक राशन लाना पड़ता है। लाभुक का राशन कट कर इसकी भरपाई करते हैं। सतबरवा प्रखंड के रजडेरवा में लक्ष्मी स्वयं सहायता समूह का संचालन दस महिलाओं द्वारा किया जाता है। समूह की दुकान पर राशन लेने के लिए लाभुकों की भीड़ लगी है।
राशन लेने वालों ने बताया कि पांच यूनिट से ज्यादा पर एक किलो राशन कम मिलता है। इस बाबत पूछने पर समूह की अध्यक्ष चंद्रावती देवी और सचिव नीलम देवी ने बताया कि चियांकी गोदाम से ठेकेदार राशन नहीं पहुंचाता है। उनलोगों को अपना खर्च कर खुद लाना पड़ता है। मुखिया और स्थानीय लोगों की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पांच यूनिट से ज्यादा होने पर एक किलो राशन काट कर भाड़ा की भरपाई की जाएगी।
हर महीने औसत 60 लाख रुपये की लूट
पलामू जिले में सिर्फ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत ही 4 लाख, 5 हजार, 99 कार्डधारी हैं। यूनिट की बात करें तो यह संख्या 18 लाख, 28 हजार, 926 हैं। प्रति यूनिट पांच किलो राशन मिलता है। प्रति माह लाल कार्ड के तहत 6292.626 एमटी, अंत्योदय के तहत 1225.675 एममटी चावल का उठाव होता है। लाभुकों को एक रुपये किलो की दर पर चावल दिया जाता है। जबकि बाजार में न्यूनतम 30 रुपये किलो चावल है।
प्रत्येक पांच यूनिट पर काटा गया चावल पीडीएस डीलर कालाबाजार में बेचते हैं। इसका बंटवारा पीडीएस दुकानदार से लेकर आपूर्ति विभाग के प्रखंड से जिला स्तर के अधिकारियों के बीच होता है। सिर्फ राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत ही प्रति कार्ड आधा किलो कट हो तो महीने में औसत 60 लाख रुपये के राशन की लूट है।
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