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जनता दरबार में 75 साल के वृद्ध ने लगाई गुहार, बोले- हुजूर, मैं जिंदा हूं! वृद्धावस्‍था पेंशन दिला दीजिए

Janta Darbar In Palamu जिला समाहरणालय में शुक्रवार को आयोजित उपायुक्त के दरबार में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब पाटन प्रखंड के लोईंया निवासी 75 वर्षीय रेयासत मियां अपने को जिंदा होने का सुबूत देने लगे।

By Ketan AnandEdited By: Prateek JainUpdated: Fri, 20 Jan 2023 09:54 PM (IST)
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जनता दरबार में उपायुक्त के समक्ष अपने जिंदा होने का सुबूत देते रियासत मियां
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू) : जिला समाहरणालय में शुक्रवार को आयोजित उपायुक्त के दरबार में उस समय अजीबोगरीब स्थिति उत्पन्न हो गई जब पाटन प्रखंड के लोईंया निवासी 75 वर्षीय रेयासत मियां अपने को जिंदा होने का सुबूत देने लगे। उन्‍होंने कहा कि हुजूर मै जिन्दा हूं, लेकिन प्रखंड कार्यालय ने मुझे मृत बताकर वृद्धावस्‍था पेंशन बंद कर दी है। इससे उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

रेयासत मियां ने इसके लिए अपना अधार कार्ड भी प्रस्तुत किया। उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे ने संबंधित अधिकारी को फोनकर तत्काल पेंशन आरंभ करने का निर्देश दिया। इसके अलावा चैनपुर के हरिनामाड़ के कैंसर पीड़ित सुनील राम ने उपायुक्त को बताया कि उनका इलाज सीएमसी वेल्लोर में चल रहा है। इसके लिए उन्हें कुछ आर्थिक सहयोग की आवश्यकता है, इसपर उपायुक्त ने रेड क्रॉस के माध्यम से पीड़ित सुनील राम को 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद की।

15 दिनों में सभी मामले निबटाने के दिए निर्देश

इसी तरह उंटारी रोड से आए सुनील चौधरी ने उपायुक्त को बताया कि उसने अपना बवासीर का ऑपरेशन रांची में करवाया था, लेकिन बेहतर इलाज के लिए उन्हें वेल्लोर जाना है अतः उन्होंने भी डीसी से आर्थिक सहयोग की मांग की इसपर उपायुक्त ने सुनील चौधरी को भी 10 हजार रुपये की आर्थिक मदद की। तरहसी के महेंद्र कुमार ने भी उपायुक्त से अपनी बेटी के इलाज हेतु आर्थिक सहयोग की मांग की इसपर उपायुक्त ने उन्हें भी 10 हजार रुपए की मदद की।

जनता दरबार में दिव्यांग पेंशन से संबंधित कई मामलों को उपायुक्त ने सामाजिक सुरक्षा विभाग को अग्रसारित करते हुए तत्काल सभी आवेदनों को स्वीकृत करने के निर्देश दिये। जनता दरबार में मुख्य रूप से जमीन संबंधी, वृद्धा पेंशन, विकलांग पेंशन, प्रधानमंत्री आवास व दाखिल-खारिज से जुड़े आवेदन आए। उपायुक्त ने संबंधित विभागों के पदाधिकारियों को अग्रसारित कर 15 दिनों के भीतर निष्पादित करने का निर्देश दिया।

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