Move to Jagran APP

पुलिस के हाथ लगी बड़ी कामयाबी! आतंक का पर्याय बना माओवादी जोनल कमांडर गिरफ्तार; 51 से ज्यादा मामले हैं दर्ज

गुरुवार रात पलामू पुलिस के हाथ बड़ी कामयाबी लगी है। पुलिस ने हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के झरगड़ा गांव के समीप झपिया पहाड़ी इलाके से बिहार व झारखंड के माओवादी जोनल कमांडर में को गिरफ्तार किया है। यह जोनल कमांडर 29 सालों से आतंक का पर्याय बना हुआ था। गिरफ्त में आए माओवादी का नाम सीताराम रजवार उर्फ रमन है और उस पर दोनों राज्यों के अन्दर 51 मामले दर्ज हैं।

By Jagran News Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sat, 10 Aug 2024 02:50 PM (IST)
Hero Image
पलामू पुलिस ने झारखंड-बिहार का माओवादी जोनल कमांडर किया गिरफ्तार (सांकेतिक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। पलामू पुलिस ने गुरुवार की रात हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के झरगड़ा गांव से सटे झपिया पहाड़ी क्षेत्र से बिहार व झारखंड में 29 वर्षों से आतंक का पर्याय बना माओवादी जोनल कमांडर सीताराम रजवार उर्फ रमन को गिरफ्तार कर लिया है।

रजवार छह पुलिसकर्मियों एक जमींदार और चार ग्रामीण के अलावा नक्सली संगठन तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के 16 नक्सलियों की हत्या का आरोपित है। रजवार पर झारखंड में 10 लाख व बिहार में तीन लाख रुपये का इनाम घोषित है।

इसके साथ ही दोनों राज्यों के विभिन्न थानों में इस पर 51 मामले दर्ज हैं। इधर, पुलिस की कार्रवाई के दौरान अंधेरे का लाभ उठाकर कुख्यात माओवादी संजय यादव उर्फ गोदराम, नीतेश यादव व अन्य उग्रवादी भाग निकले।

क्या बोले पलामू के एसपी रिष्मा रमेशन

पलामू एसपी रिष्मा रमेशन ने शुक्रवार को पुलिस सभागार में पत्रकारों को बताया कि डीजीपी के निर्देश के आलोक में नक्सलियों व अपराधियों के विरुद्ध सघन अभियान चलाया जा रहा है।

हुसैनाबाद एसडीपीओ मुकेश कुमार महतो को गुरुवार की रात सूचना मिली थी कि भाकपा माओवादी संगठन का नीतेश यादव अपने दस्ते के सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार, संजय यादव उर्फ गोदराम समेत अन्य सदस्यों के साथ झरगडा गांव से सटे झपिया पहाड़ के जंगल में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए ठहरा है।

जंगलों की घेराबंदी कर छापेमारी की गई

त्वरित कार्रवाई करते हुए झपिया पहाड़ के जंगलों की घेराबंदी कर छापेमारी की गई, तो पुलिस को देखकर चार-पांच की संख्या में व्यक्ति पहाड़ व जंगल की ओर भागने लगे। इस बीच जोनल कमांडर सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार पकड़ा गया।

वैसे तो रजवार ने वर्ष 1995 में पहली नक्सली घटना में शामिल होकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी, लेकिन 2001 में बिहार के माली थाना लूटकांड में छह पुलिसकर्मियों की हत्या कर हथियार लूटे जाने की घटना में शामिल होकर यह शीर्ष कमांडरों की नजर में आ गया था।

इसी तरह देव, औरंगाबाद थाना अंतर्गत एक जमींदार को मारने व मोनबार में चार व्यक्ति दो महिला व दो पुरुष को फंदा से लटकाने में वह दस्ते के साथ शामिल था। वर्ष 2016 में कालापहाड़ में पुलिस पार्टी वाहन को उड़ाने में भी वह शामिल था।

इसी तरह कौड़िया विश्रामपुर में मुठभेड में टीएसपीसी के 16 सदस्यों को मौत की घाट उतराने में भी उसकी भूमिका थी। वह पलामू जिला के विभिन्न थानों में 28 व बिहार के औरंगाबाद तथा गया जिला के विभिन्न थानों में 23 कुल 51 कांडों में वांछित है।

प्रतिबंधित संगठन के जोन नंबर-2 का कमांडर था सीताराम

प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी सदस्य नितेश यादव के दस्ता के सक्रिय हार्डकोर नक्सली सीताराम रजवार उर्फ रमन रजवार जोन नंबर-2 का कमांडर था। वैसे तो इसका जन्म पलामू के हैदरनगर थाना क्षेत्र में हुआ था। लेकिन, बाद में इसके स्वजन सलैया, थाना एनटीपीसी खैरा, जिला औरंगाबाद में जाकर बस गये थे।

वर्तमान में प्रतिबंधित माओवादी संगठन में जिस जोन का कमांडर है, उसमें छत्तपरपुर- हुसैनाबाद मुख्य सड़क की उत्तर दिशा छत्तरपुर से देवरी की सीमेंट फैक्ट्री तक का उत्तरी क्षेत्र, जिसमें छत्तरपुर से हरिहरगंज होते हुए अंबा से कुटुंबा नबीनगर होते हुए तेतरिया मोड़ से पतरघाटा होते हुए सोन नदी के बीच का क्षेत्र शामिल है।

इस क्षेत्र में क्रशर व पत्थर खदान के मालिक, ठेकेदारों, ईंट भटठा मालिकों से लेवी का पैसा वसूली कर रहा था। साथ ही नए सिरे से संगठन को खड़ा करने की जिम्मेदारी इसे मिली थी।

ये भी पढे़ं-

Jharkhand ATS: झारखंड एटीएस की सिमडेगा जेल में छापामारी, गैंगस्टर अमन साहू के गुर्गे के पास मिला स्मार्टफोन

Jharkhand Terror Funding: गैंगस्टर अमन साहू के भाई को NIA ने लिया रिमांड पर, निवेश की ले रही जानकारी

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।