माओवादी स्थापना सप्ताह: बिहार-झारखंड की बॉर्डर सील, हाइवे व रेल की बढ़ी सुरक्षा, कभी भी नक्सली कर सकते हमला
21 से 28 सितंबर तक माओवादी स्थापना सप्ताह मनाया जा रहा है। साल 2004 में आज ही के दिन एमसीसी और पीपुल्स वाॅर ग्रुप को मिलाकर भाकपा माओवादी का गठन किया गया था। इस दौरान नक्सली संगठन कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं और हिंसक घटनाओं को अंजाम देते हैं। इसे लेकर पुलिस हाई अलर्ट पर है। चारों ओर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Thu, 21 Sep 2023 12:00 PM (IST)
जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादियों का स्थापना सप्ताह 21 सितंबर यानी कि आज से शुरू हो गया है। माओवादियों का यह स्थापना सप्ताह 28 सितंबर तक चलेगा। स्थापना सप्ताह को लेकर पुलिस और सुरक्षाबलों ने हाई अलर्ट जारी किया है।
हर जगह बढ़ाई जा रही है सुरक्षा
झारखंड-बिहार सीमावर्ती इलाकों को सील कर दिया गया है और नक्सल गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। स्थापना सप्ताह के दौरान सभी थाना को अलर्ट जारी किया गया है।
जारी अलर्ट में सभी थाना को लूज मूवमेंट नहीं करने की सख्त हिदायत जारी की गई है। रेलवे, सरकारी भवन समेत नेशनल हाइवे पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा, माओवादियों और उसके समर्थकों पर पुलिस विशेष नजर रखे हुए हैं।
21 सितंबर 2004 को हुआ था भाकपा माओवादी का गठन
वर्ष 2004 में एमसीसी और पीपुल्स वाॅर ग्रुप को मिलाकर भाकपा माओवादी का गठन किया गया था। एमसीसी और पीपुल्स वाॅर ग्रुप का 21 सितंबर, 2004 को विलय हुआ था। जिसके बाद से माओवादी हर साल 21 से 28 सितंबर तक स्थापना सप्ताह मनाते हैं। इस दौरान नक्सली संगठन कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन करते हैं।
स्थापना सप्ताह के दौरान माओवादी हिंसक घटनाओं को अंजाम देते हैं और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। इसको देखते हुए पलामू जोन के बिहार और छत्तीसगढ़ सीमा पर खास निगरानी बढ़ाई गई है।
छत्तीसगढ़-बिहार सीमा पर सीआरपीएफ और अन्य बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। दोनों सीमा पर नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान शुरू किया गया है। इस सर्च अभियान में सीआरपीएफ और जिला बल शामिल हैं।यह भी पढ़ें: ED के समन के खिलाफ हेमंत सोरेन का अगला कदम, कल हाई कोर्ट जा सकते हैं सीएम, क्या चौथे समन पर होंगे हाजिर?
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