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New Criminal Laws: तीन नए कानूनों को लेकर जागरूकता अभियान शुरू, जेल में बंद कैदियों को दी गई जानकारी

भारतीय न्याय संहिता भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत अब भारतीय दंड संहिता दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ने इनकी जगह ले ली है। इन कानूनो के आने से आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित की जाएगी और इसमें कई तरह की सुविधाएं भी दी जाएंगी। इस कारण नई न्याय प्रणाली में कई तरह के प्रावधान भी शामिल किए गए हैं।

By Sachidanand Kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 01 Jul 2024 07:19 PM (IST)
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तीन नए कानूनों की जानकारी देते डालसा के सचिव
जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। New Criminal Laws भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ले चुके हैं।

नए कानूनों से आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें जीरो एफआईआर, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना और एसएमएस के जरिए समन भेजने जैसी सुविधा होगी। 

ये प्रावधान किए गए शामिल

साथ ही, सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल किए गए हैं। उक्त बातें जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अर्पित श्रीवास्तव ने मेदिनीनगर केंद्रीय कारा में तीन नए आपराधिक कानून को लेकर आयोजित जागरुकता कार्यक्रम में कही।

उन्होंने कहा कि नए कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा। पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।

दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी होगी।

राजद्रोह की जगह अब ये लगेगा

नए कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है। राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी व जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है। महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है।

किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है। किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है।

मौके पर प्रोजेक्टर के माध्यम से तीन नए आपराधिक कानून के बारे में विस्तार से बताया गया। कार्यक्रम में जेलर प्रमोद कुमार,अधिवक्ता अमिताभ चन्द सिंह, संतोष कुमार पांडेय पुष्कर राज, उत्तम कुमार समेत बंदी मौजूद थे।

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