जायदाद की लालच में बेटा बना बाप का दुश्मन, साले के साथ मिलकर की हत्या, शव को नोंच खाए कुत्ते
राकेश का अपने पिता से संपत्ति के अलावा कुछ और घरेलू विवाद था। इसी को लेकर उसने अपने साले पंकज के साथ मिलकर अपने पिता को मौत के घाट उतार दिया। उसने अपना जुर्म कबूल लिया है। आगे की जांच जारी है।
By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 16 Jan 2023 05:20 PM (IST)
संवाद सहयोगी, मेदिनीनगर (पलामू)। सदर मेदिनीनगर थाना क्षेत्र के ओरिएंट पब्लिक स्कूल के समीप मटपुरही दांगी टोला के पास झाड़ी से 12 जनवरी को प्राप्त जले हुए शव के अवशेष की पहचान हो गई है। शव का अवशेष उदय कुमार बैद्य का था। वैद्य के बेटे पांकी रोड श्रीराम पथ निवासी राकेश वैद्य ने ही हत्या की थी। राकेश अपने साला जुमने निवासी पंकज कुमार मिश्रा के साथ मिलकर पिता की हत्या कर शव को ठिकाने लगाने के लिए जला दिया। इस मामले को वैज्ञानिक तरीके से सत्यापित करने के लिए पुलिस ने पिता के शव के अवशेष और बेटे के डीएनए जांच कराई जाएगी।
संपत्ति विवाद को लेकर बेटे ने की पिता की हत्या
एसडीपीओ ऋषभ गर्ग ने रविवार शव के अवशेष बरामदगी मामले का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि राकेश वैद्य ने अपने पिता की हत्या में संलिप्तता स्वीकार कर ली है। पुलिस के समक्ष उसने बताया कि उसके व पिताजी के बीच में संपति विवाद व घरेलू विवाद था। राकेश की मां का निधन 2003 में हो गया था। इसके बाद उसके पिता ग्राम परसोडीह थाना केतार जिला गढ़वा निवासी उदय कुमार वैद्य ने दूसरी शादी कर ली। वह वर्तमान में छत्तीसगढ़ में रह रहे थे। किसी बहाने राकेश ने अपने पिता को छत्तीसगढ़ से बुलाया और साले के साथ मिलकर हत्या कर दी। फिर शव को मटपुरही में ले जाकर आग लगा दी।
राकेश के डीएनए का पिता से किया जाएगा मिलान
शव के अवशेष को कुत्ते नोच कर खा रहे थे। इसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस ने घटनास्थल से शव के अवशेष को बरामद करने के लिए फारेंसिक जांच के लिए रिम्स रांची भेज दिया। गर्ग ने आरोपितों के साथ एसपी कार्यालय में पीसी कर मामले की जानकारी देते हुए कहा कि आरोपित राकेश का डीएनए सैंपल लिया गया है। उसके पिता के शव के अवशेष के डीएनए सैंपल से मिलान किया जाएगा। आरोपितों को गिरफ्तार करने के लिए छापमारी दल में पुलिस निरीक्षक राजबल्लभ पासवान, सदर थाना प्रभारी गौतम कुमार सहित कई अधिकारी व सशस्त्र बल शामिल थे।ये भी पढ़ें- खूंखार नक्सली कमांडर की सलाखों के पीछे तन्हाई में कट रह जिंदगी, अपनों ने भी छोड़ा साथ, अब चला 'गीता' की राह
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