पलामू DC, SP और DFO को समन, 20 सितंबर को आयोग के सामने हाजिर होने का निर्देश; पढ़ें पूरा मामला
पलामू के तीन बड़े अफसरों को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने समन भेजा है। अब पलामू डीसी एसपी और डीएफओ को अब 20 सितंबर को आयोग के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया गया है। दरअसल मामला अनुपस्थिति से जुड़ा है। आयोग की बैठक में यह तीनों अधिकारी शामिल नहीं हुए थे जिसके बाद आयोग ने सख्त कदम उठाया है।
जागरण संवाददाता, मेदिनीनगर (पलामू)। राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने पलामू डीसी, एसपी व डीएफओ को समन जारी किया है। इन तीनों अधिकारियों को 20 सितंबर को दोपहर दो बजे तक आयोग के समक्ष हाजिर होने का निर्देश दिया गया है।
दरअसल, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा मंगलवार को पलामू दौरे पर थीं। उन्होंने अनुसूचित जनजाति समाज की समस्याओं के समाधान को लेकर मंगलवार को समाहरणालय सभागार में बैठक की थी, लेकिन उस बैठक में डीसी, एसपी और डीएफओ शामिल नहीं हुए।
आयोग को बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर नहीं दी थी जानकारी
इन अधिकारियों ने बैठक में शामिल नहीं होने को लेकर कोई जानकारी भी आयोग को नहीं दी। आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने मंगलवार की शाम परिसदन में पत्रकारों को बताया कि इस बैठक में बीडीओ, सीओ ने खुद भाग नहीं लेकर कंप्यूटर ऑपरेटर व अन्य कर्मियों को भेजा। जो बहुत ही गंभीर मामला है।इसको लेकर पलामू डीसी, एसपी व डीएफओ को समन जारी किया गया है। जिसमें 20 सितंबर को आयोग के समक्ष हाजिर होकर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने बताया कि पलामू जिला में अनुसूचित जनजातियों की नौ प्रतिशत आबादी है। उनकी समस्याओं को लेकर हुई बैठक में अधिकारियों के शामिल नहीं होने से ऐसा प्रतीत होता है कि पलामू जिले में अनुसूचित जनजातियों की समस्याओं को लेकर कोई भी गंभीर नहीं है।
उन्होंने कहा कि पलामू जिला में अनुसूचित जनजाति छात्रावास की हालत गंभीर है। अनुसूचित जनजातियों को जमीन नहीं मिल रही है। वन पट्टा के लिए अनुसूचित जनजाति के लोग भटक रहे हैं। उनके मामलों की जांच नहीं हो रही है। इन सभी विषयों को लेकर आयोग ने बैठक बुलाई थी।
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