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पलामू जिला स्‍कूल: बांग्ला के शिक्षक पढ़ा रहे गणित तो मौलवी साहब इतिहास, जुगाड़ से हो रही पढ़ाई

पलामू जिला स्‍कूल में किसी विषय का अगर कोई छात्र नहीं है लेकिन शिक्षक की नियुक्ति हो रखी है। ऐसे में बांग्ला के शिक्षक गणित पढ़ा रहे तो मौलवी साहब को इतिहास पढ़ाने की जिम्‍मेदारी दी गई है।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 26 Dec 2022 03:22 PM (IST)
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पलामू‍ जिला स्‍कूल में पढ़ाने के मॉडल पर उठ रहा है सवाल
मृत्युंजय पाठक, मेदिनीनगर (पलामू )। जिला स्कूल संबंधित जिले का आदर्श स्कूल माना जाता है। इस कसौटी पर बात करें तो पलामू जिला स्कूल किसी कामेडी घर जैसा है। यहां पढ़ाने का जो माडल है उसे जानकार शिक्षाविद् माथा पीट सकते हैं। प्लस टू में अंग्रेजी, गणित, रसायन, भौतिक, राजनीति शास्त्र, इतिहास और समाज शास्त्र जैसे विषय के शिक्षक ही नहीं हैं। तो इन विषयों को पढ़ाते कौन हैं? जवाब है उर्दू, बांग्ला और पर्शियन भाषा के शिक्षक। ऐसे में पढ़ाई के स्तर का अंदाजा लगाया जा सकता है।

बांग्ला और पर्शियन भाषा के एक भी छात्र नहीं फिर भी शिक्षक

पलामू जिला स्कूल में 11वीं में 938 और 12वीं में 820 छात्र-छात्राओं का नामांकन है। कुल संख्या 1758 हैं। विद्यालय में प्लस टू के लिए स्वीकृत शिक्षक संख्या 11 के बदले मात्र पांच हैं। एक तो शिक्षक की संख्या कम है और जो हैं भी वह विषय के नहीं हैं। स्कूल में बांग्ला के एक भी छात्र नहीं हैं। जबकि शिक्षक की पदस्थापना की गई है। ऐसे में बांग्ला के शिक्षक वशिष्ठ महतो गणित का क्लास लेते हैं।

पर्शियन भाषा पढ़ने वाले एक भी छात्र नहीं हैं। इसके शिक्षक मुश्ताक अहमद छात्रों का सामान्य ज्ञान और नैतिक बल बढ़ाने का काम करते हैं। विद्यालय में उर्दू के भी छात्र नहीं थे और शिक्षक होमैद आराफत की तैनाती थी। उर्दू के शिक्षक ( मौलवी) आराफत ने उर्दू में पांच बच्चों का नामांकन करवा दिया है। अब वे उन बच्चों को पढ़ाने के साथ ही इतिहास विषय का क्लास लेते हैं।

प्लस टू में पढ़ाते हाई स्कूल के शिक्षक

स्कूल में शिक्षकों और विषय के शिक्षकों की कमी के कारण पढ़ाई प्रभावित होती है। छात्र-छात्रा भी बहुत कम ही आते हैं। जो आते हैं उन्हें जुगाड़ पद्धति से शिक्षा दी जाती है। स्कूल के प्रधानाध्यापक करूणा शंकर तिवारी पढ़ाने के लिए हाई स्कूल के शिक्षकों को प्लस टू के क्लास में भेज देते हैं। उन्होंने बताया कि विषयवार शिक्षकों की पदस्थापना के लिए ऊपर के अधिकारियों को कई बार लिखा जा चुका है।

पलामू में क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक शिव नारायण साह ने कहा, जिला स्कूल का निरीक्षण किया था। विद्यालय में विषयावार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया था। उन्होंने अब तक प्रतिनियुक्ति क्यों नहीं, की वो ही बता सकते हैं।

यह डीईओ आफिस की साजिश तो नहीं

जिला स्कूल में स्वीकृत पद के अनुसार शिक्षकों की पदस्थापना नहीं होने के पीछे डीईओ आफिस की चर्चा शिक्षकों के बीच होती है। क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक के निर्देश के बाद भी प्रतिनियुक्ति नहीं होने का कारण तोलमोल बताया जाता है। वैसे शिक्षकों की तलाश हो रही है तो गांव से शहर में आना चाहते हैं और मुट्ठी गर्म कर सकते हैं। इस बाबत पूछने पर डीईओ अनिल चौधरी ने बताया कि जिले में शिक्षकों की कमी है। नियुक्ति होगी तो पोस्टिंग होगी।

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