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Vishrampur Assembly: कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था विश्रामपुर, अब भाजपा के रामचंद्र देख रहे जीत की हैट्रिक का सपना

Jharkhand Assembly Election 2024 झारखंड विधानसभा के चुनावी महासमर एलान हो चुका है। सभी पार्टियां इस चुनावी रण को जीतने के लिए एक-एक सीट पर नजर रख रही हैं। इन्ही में से एक सीट है विश्रामपुर विधानसभा सीट। यहां पर भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी की नजर जीत की हैट्रिक पर है। हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।

By Jagran News Edited By: Mohit Tripathi Updated: Tue, 22 Oct 2024 03:14 PM (IST)
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विश्रामपुर विधानसभा सीट भाजपा के रामचंद्र चंद्रवंशी की हैट्रिक जीत का सपना।
संवाद सूत्र, विश्रामपुर (पलामू)। विश्रामपुर विधानसभा सीट कभी कांग्रेस का मजबूत किला हुआ करती थी। लेकिन दो चुनावों से कांग्रेस का किला पूरी तरह दरक गया है। 2014 में पहली बार इस सीट पर भाजपा का खाता खुला, जब राजद छोड़कर भाजपा में आए रामचंद्र चंद्रवंशी ने जीत हासिल की। 2019 में दोबारा जीतने में कामयाब रहे। इस बार हैट्रिक लगाने की मंशा से मैदान में उतरेंगे।

क्या है विश्रामपुर सीट का इतिहास

1952 में हुए बिहार विधानसभा के पहले चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर भुवनेश्वर चौबे विजयी हुए थे। उस समय विश्रामपुर विधानसभा क्षेत्र में विश्रामपुर सहित लेस्लीगंज, पांकी, पाटन व मनातू हुआ करता था। उसके बाद दूसरे चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर राम किशोर सिंह चुनाव जीते।

1962 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर श्याम बिहारी सिंह चुनाव जीते। फिर विश्रामपुर विधानसभा सीट को एससी के लिए आरक्षित कर दिया गया। 1967 के चुनाव में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से योगेश्वर राम विजयी हुए। 1969,1972 में कांग्रेस के टिकट पर रामदेनी राम विजयी हुए।

1977 में फिर से विश्रामपुर सीट को सामान्य कर दिया गया। उसके बाद बाहुबली विनोद सिंह ने 1977 व 1980 में निर्दलीय चुनाव जीते। साल 1985 में कांग्रेस के टिकट पर चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे पहली बार चुनाव जीते। उसके बाद 1990 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर दोबारा जीते। लेकिन 1997 में जनता दल के प्रत्याशी रामचंद्र चंद्रवंशी से चुनाव हार गए।

2000 में चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने अपनी खोई हुई विधायकी एक बार फिर पा ली। 2005 में राजद के टिकट पर रामचंद्र चंद्रवंशी पुन: चुनाव जीते। 2009 में चंद्रशेखर दुबे उर्फ ददई दुबे ने रामचंद्र चंद्रवंशी को पराजित किया।

2014 में रामचंद्र चंद्रवंशी ने राजद को छोड़कर भाजपा के चुनाव चिह्न पर चुनाव लड़कर अपनी जीत दर्ज कराई। यह क्रम 2019 में भी बना रहा। उन पर भाजपा ने एक बार फिर विश्वास जताते हुए टिकट दिया है लेकिन कांग्रेस ने अब तक किसी को प्रत्याशी घोषित नहीं किया है।

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बड़कागांव सीट पर अंबा सहित आठ लोगों ने लिया नामांकन पत्र

बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में आज भी किसी प्रत्याशी ने नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया। हालांकि सोमवार को बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद सहित कुल आठ लोगों ने नामांकन पर्चा खरीदा। इसके साथ नामांकन पत्र खरीदने वालों की संख्या 14 हो गई है।

नामांकन पत्र खरीदने वालों में अंबा प्रसाद के अलावा संजय कुमार मेहता, मो. ग्यासुद्दीन अंसारी, मुख्तार अंसारी, बालेश्वर कुमार, प्रभु उरांव, भोलानाथ प्रसाद, रंजन सोनी शामिल हैं।

बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र नामांकन पत्र दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर निर्धारित है। इधर, मंगलवार से रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र से के लिए नामांकन पत्र मिलेगा और संभावित प्रत्याशी 29 अक्टूबर तक नामांकन पत्र दाखिल कर सकेंगे।

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