Jharkhand News: गिरवी जमीन वापस नहीं करने पर पति-पत्नी और बेटी की हत्या, पुलिस की जांच में हुआ बड़ा खुलासा
पश्चिमी सिंहभूम जिले में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या का मामला सामने आया है। पुलिस ने जांच में खुलासा किया है कि हत्या का कारण डायन-बिसाही का संदेह नहीं बल्कि जमीन और पैसे का विवाद था। आरोपियों ने पीड़ित परिवार से उधार लिए चार हजार रुपये नहीं लौटाए जाने पर यह जघन्य अपराध किया। पुलिस ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
जागरण टीम, चक्रधरपुर/चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिले के टेबो थाना अंतर्गत ग्राम सियांकेल में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर लिया है। पति-पत्नी और बेटी की हत्या को अब तक डायन के संदेह में किया गया सामूहिक नरसंहार बताया जा रहा था, लेकिन पुलिस ने गहराई से जांच की तो मामला जमीन और पैसे के विवाद का निकला।
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने कहा कि अभी तक के अनुसंधान में डायन के नाम पर हत्या की पुष्टि नहीं हुई है। दोनों आरोपितों की गिफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है। अन्य बिन्दुओं पर भी अनुसंधान जारी है। पुलिस के अनुसंधान में यह बात सामने आई है कि दुगलू पुरती ने गांव के ही सेम नाग व सानिका नाग के परिवार को मदद करते हुए चार हजार रुपये उधार में दिए थे। उसके बदले में नाग परिवार ने अपनी जमीन दुगलु पुरती के पास गिरवी रखी थी।
10 अक्टूबर की रात क्या हुआ?
गुरुवार 10 अक्टूबर की रात सेम नाग व सानिका नाग ने दुगलू पुरती के घर में जाकर अपनी जमीन वापस खेती के लिए देने की मांग की, लेकिन दुगलू पुरती ने जमीन वापस देने से मना किया। इसके बाद सेम व सानिका ने आवेश में आकर दुगलू पुरती, उसकी पत्नी सुकबारो पुरती और पुत्री दसकीर पुरती पर हमला कर हत्या कर दी। उसके बाद तीनों शव को बारी-बारी से बल्ली में बांधकर जंगल में ले जाकर फेंक दिया।शनिवार को पुलिस ने सियांकेल गांव निवासी 60 वर्षीय दुगुलू पुरती, दुगुल की पत्नी 50 वर्षीय सुकबारो पुरती और उसकी पुत्री 23 वर्षीय दसकीर पुरती के शव जंगल से बरामद किए थे। प्रारंभिक तौर पर यह बात सामने आई थी कि गुरुवार रात अज्ञात लोगों ने घर में घुसकर लाठी एवं धारदार हथियार से हमला कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद रस्सी बांधकर घसीटते हुए शवों को गांव के समीप चुरिंगकोचा के जंगल में फेंक दिया।
दो बेटियों की बच गई जान
घटना के समय घर में मौजूद नहीं रहने के कारण परिवार की दो बेटियों की जान बच गई। इनमें 18 वर्षीय पुनी पुरती दिल्ली में काम करती है। वहीं दूसरी पुत्री 15 वर्षीय दातकी पूर्ति पश्चिमी सिंहभूम के ही बंदगांव में स्थित बिरसा स्कूल में रहकर 10 वीं कक्षा में पढ़ाई कर रही है। परिवार के लोगों ने डायन बिसाही के संदेह में हत्या की आशंका जताई थी।
शुक्रवार सुबह जंगल में लकड़ी एवं पत्ता लाने गए कुछ ग्रामीणों की नजर शवों पर पड़ी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। अति नक्सली प्रभावित व सुदूरवर्ती दुर्गम क्षेत्र होने के कारण पुलिस शुक्रवार को नहीं गई। शनिवार को टेबो थाना पुलिस, सीआरपीएफ एवं जिला पुलिस के जवान घटनास्थल पहुंचे और शव को जब्त कर टेबो थाना लाए।ये भी पढ़ें- पेयजल स्वच्छता विभाग में घोटाले को लेकर 20 ठिकानों पर ED की छापामारी, मंत्री और IAS के कारीबियों के घर पर दबिश
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