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Jharkhand Foundation Day: पतरातू ने पूरी दुनिया में बनाई झारखंड की अलग पहचान, यहां हो चुकी है कई फिल्‍मों की शूटिंग

1960 के दशक में बना पतरातू डैम की अपनी एक अलग खास पहचान है। आज पतरातू लेक रिसॉर्ट के रूप में यह पूरी दुनिया में मशहूर है। रांची से रामगढ़ जिले के पतरातू के बीच की दूरी महज 32 किलोमीटर है। यह जगह इतनी खूबसूरत है कि यहां कई फिल्‍मों की शूटिंग भी हो चुकी है। जी-20 समिट के दौरान झारखंड आने वाले डेलिगेट्स की टीम यहां पहुंची हुई थी।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Wed, 15 Nov 2023 09:37 AM (IST)
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पतरातू ने अंतराष्ट्रीय स्तर पर झारखंड की बनाई अलग पहचान।
राजीव रंजन, पतरातू वैली (रामगढ़)। आंदोलनकारियों के लंबे संघर्ष व बलिदान के बाद 15 नवंबर, 2000 को झारखंड अलग राज्य के रूप में अपना गौरव हासिल कर सका। अपने गर्भ में अकूत खनिज संपदाओं का भंडार लिए झारखंड के विकास की गाड़ी निरंतर नई मंजिलों को छू रही है। इस विकास की कड़ी में 1960 के दशक में बना पतरातू डैम आज पतरातू लेक रिसॉर्ट के रूप में विश्व विख्यात हो चुका है।

जी-20 समिट के दौरान यहां आए थे मेहमान

चार कमरों के सामान्य अतिथिशाला की जगह सरोवर विहार व पर्यटन विहार जैसे पांच सितारा होटलों की सुविधा अब यहां उपलब्ध है। पारंपरिक नावों की जगह हाई स्पीड बोट, एसी क्रूज, पार्टी बोट, चिल्ड्रन पार्क, रेस्टोरेंट में लजीज पकवान का आनंद यहां आने वाले पर्यटक उठा रहे हैं।

यही कारण है कि जी-20 समिट के दौरान झारखंड आने वाले डेलिगेट्स की टीम अपने भ्रमण कार्यक्रम के दौरान पतरातू लेक रिसॉर्ट पहुंची थी। वे भी पतरातू वैली की प्राकृतिक प्रदत खूबसूरती देख काभी खुश हुए।

राजधानी रांची से रामगढ़ जिले के पतरातू के बीच महज 32 किलोमीटर का सफर हर किसी को रोमांच से भर देता है। पिठौरिया घाटी की घुमावदार सड़कों के बीच जगह-जगह पर बने सेल्फी प्वाॅइंट पर खुद को हर कोई अपने कमरे में कैद करने से रोक नहीं पाता है। अलग राज्य होने से पूर्व यह घाटी काफी संकरी थी और घाटी का सफर काफी चुनौतीपूर्ण हुआ करता था।

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पतरातू सुपर थर्मल पावर प्लांट से रौशन होंगे कई प्रदेश

आजादी के बाद 1960 के दशक में स्थापित एशिया का दूसरा सबसे बड़ा पावर प्लांट पतरातू थर्मल अब बंद हो चुका है। इस प्लांट की जगह एनटीपीसी व राज्य ऊर्जा निगम के संयुक्त उपक्रम के रूप में 4000 मेगावाट के सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट स्थापित कर रही है। इसके प्रथम चरण में 800×3 कुल 2400 मेगावाट की तीन इकाइयां स्थापित हो रही हैं।

उक्त पावर प्लांट से जुलाई, 2024 में बिजली उत्पादन प्रारंभ करने का लक्ष्य निर्धारित की गई है। वहीं, तीनों इकाइयों का निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद 800×2 कुल 1600 मेगावाट बिजली उत्पादन की इकाइयां लगाई जा रही हैं। इस पावर प्लांट से उत्पादित बिजली का 85 प्रतिशत हिस्सा झारखंड को व 15 प्रतिशत बिजली दूसरे राज्यों को दी जाएगी।

पतरातू ने फिल्मी पर्दे पर बनाई जगह

पतरातू के विकास की गति को पकड़ते ही पतरातू ने फिल्मी पर्दे पर अपनी अच्छी खासी जगह बना ली है। प्रादेशिक फिल्मों एल्बम के साथ-साथ हिंदी फिल्मों के कई मशहूर कलाकारों ने पतरातू डैम पर आकर शूटिंग की है। इन फिल्मों के माध्यम से पतरातू समेत राज्य के अन्य पर्यटन क्षेत्र भी विकसित हुए हैं।

पतरातू राज्य का सबसे बेहतर होगा पर्यटन स्थल: अंबा प्रसाद

बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद ने कहा आने वाले समय पर पतरातू राज्य का सबसे बेहतर पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाएगा। रामगढ़ जिले की पहचान में पतरातू के पर्यटक व औद्योगिक स्थल के रूप में जाना जाएगा।

वह आगे कहते हैं, राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा पर्यटन नीति बनाई गई है। इसके तहत राज्य के सभी पर्यटन क्षेत्रों को विश्वस्तरीय विकास करने के साथ-साथ पतरातू में पर्यटक स्थल के रूप में बेहतर करने के लिए प्लान तैयार किया जाएगा। आने वाले पांच साल के अंदर ही परिणाम सबके सामने होगा।

उन्होंने कहा कि किसी भी क्षेत्र व राज्य के विकास के लिए वहां की मूलभूत सुविधाओं को सुदृढ़ करना बेहद आवश्यक है। जिसके लिए सरकार निरंतर प्रयास कर रही है। आने वाले समय में पतरातू में रोप वे, ग्लास ब्रिज बनाने के साथ-साथ पलानी झरने को भी बेहतर पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करना है।

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