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Ramgarh News: रांची-धनबाद का सफर हुआ लंबा, इतने महीने तक डायवर्ट मार्ग का करना होगा इस्तेमाल

Ramgarh अधिकारियों की मानें तो यह काम करीब सात महीने में पूरा होगा। इसके मद्देनजर भारी वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया है। वाहनों को रामगढ़ से होकर चितरपुर गोला होते हुए धनबाद-बोकारो भेजा जा रहा रहा है। भारी मालवाहक वाहनों व बसों के सिकीदीरी मार्ग का इस्तेमाल नहीं करने से रामगढ़ मार्ग पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है।

By Devyanshu MishraEdited By: Mohammad SameerUpdated: Mon, 31 Jul 2023 04:00 AM (IST)
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रांची-धनबाद का सफर हुआ लंबा, बढ़ गया समय
देवांशु शेखर मिश्र, रामगढ़: रांची से धनबाद के बीच सफर में अब ज्यादा समय लग रहे हैं। पहले चार घंटे लगते थे। अब पांच घंटे लग रहे हैं। दरअसल ओरमांझी से गोला (320 ए) पथ का चौड़ीकरण भारत माला प्रोजेक्ट के अंतर्गत किया जा रहा है।

यह ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट है यानी गांव-शहर के अधिकतम क्षेत्र छोड़ते हुए प्रयास यह है कि कम-से-कम घरों को तोड़ना पड़े। अधिकारियों को सरकारी व वन भूमि क्षेत्र को लेकर ही सड़क का निर्माण पूरा करना है। अगर रैयतों की जमीन इसके अंतर्गत आती है तो तत्काल इसका भुगतान भी करना है।

सात महीने में पूरा होगा काम

पुराने एलाइंमेंट पर ही इस मार्ग पर काम हो रहा है। अधिकारियों की मानें तो यह काम करीब सात महीने में पूरा होगा। इसके मद्देनजर भारी वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया है। वाहनों को रामगढ़ से होकर चितरपुर गोला होते हुए धनबाद-बोकारो भेजा जा रहा रहा है। भारी मालवाहक वाहनों व बसों के सिकीदीरी मार्ग का इस्तेमाल नहीं करने से रामगढ़ मार्ग पर वाहनों की संख्या बढ़ गई है। 

गोला-सिकीदीरी रांची पथ चौड़ीकरण किया जा रहा है। पहाड़ को तोड़कर चौड़ी सड़क बनाई जा रही है। पहले सभी वाहन रांची सिकीदीरी गोला होते हुए बोकारो धनबाद या कोलकाता की ओर जाते थे। आगामी सात से आठ माह तक होगा रामगढ़ मार्ग का ही इस्तेमाल होगा। बताया जाता है कि यात्री बसों के रामगढ़ होकर बोकारो धनबाद जाने के कारण समय के साथ-साथ खर्च भी बढ़ा है।

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इसमें टाल प्लाजा का शुल्क व डीजल का खर्च भी शामिल है। करीब 50 से अधिक बसें इस मार्ग के शुरू होने से चलना बंद हो गई हैं। जानकारों का कहना है कि बंद होने वाली बसों का रामगढ़ का परमिट नहीं होना मुख्य कारण है।

जबकि जो बसें संचालित हैं उनका रामगढ़ का भी परमिट है और वे आसानी से रामगढ़ बस पड़ाव में रुककर यात्रियों को बसों में बैठाते हैं इससे उनका खर्च भी पूरा हो जाता है।   शायद यही कारण है कि यात्री किराये में किसी तरह की बढ़ोत्तरी अब तक नहीं की गई है।

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भारत माला प्रोजेक्ट के  प्रोजेक्ट अधिकारी, अमरेश कुमार का कहना है कि-

सड़क में घाटी से भारत माला प्रोजेक्ट गुजरेगी। जोबला घाटी में होने वाली दुर्घटना को देखते हुए घाटी सड़क को सीधा करना है। इसी के तहत पहाड़ों को तोड़ा जा रहा है।

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