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Jharkhand News: मंडरा रहा खतरा! रामगढ़ में अवैध खनन कर रेलवे ट्रैक तक बना दी सुरंग, इस रूट से गुजरती है कई एक्सप्रेस ट्रेनें

धनबाद मंडल के सीआइसी सेक्शन(बरकाकाना-गोमो) रेल मार्ग पर दनिया रेलवे स्टेशन से सिर्फ दो किमी की दूरी पर कोयले का अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है। खनन के चलते अंदर ही अंदर रेलवे ट्रैक के पास तक खतरनाक सुरंग पहुंच गई है। रेलवे पटरी के नीचे तक कोयला तस्करों द्वारा खतरनाक सुरंग बना दिया गया है। ऐसे में कभी भी रेलवे ट्रैक धंस सकता है।

By Md seraj Edited By: Shashank ShekharUpdated: Wed, 20 Dec 2023 06:07 PM (IST)
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मंडरा रहा खतरा! रामगढ़ में अवैध खनन कर रेलवे ट्रैक तक बना दी सुरंग
मो सेराज, घाटो(रामगढ़)। धनबाद मंडल के सीआइसी सेक्शन(बरकाकाना-गोमो) रेल मार्ग पर दनिया रेलवे स्टेशन से महज दो किमी दूरी पर कोयले का अवैध खनन हो रहा है। अवैध खनन से अंदर ही अंदर रेलवे ट्रैक के समीप तक कारीपानी नामक स्थल तक खतरनाक सुरंग पहुंच गई है। रेलवे पटरी के नीचे तक कोयला तस्करों द्वारा खतरनाक सुरंग बना दी गई है।

कभी भी रेलवे ट्रैक धंस सकता है। इस मार्ग से होकर कई एक्सप्रेस व लोकल ट्रेनें गुजरती है। टाटा व सीसीएल की कोलियरियों से रैक के माध्यम से कोयले की ढुलाई होती है। पांच साल से कोयला तस्करों द्वारा कोयले का अवैध खनन यहां से हो रहा है। रामगढ़ जिला से सटे चैनपुर रेलवे साइडिंग से सटे बोकारो जिले के जगेश्वर बिहार थाना के दनिया स्टेशन से महज दो किमी दूरी पर रेलवे पटरी समीप व्यापक पैमाने पर पुलिस की मिलीभगत से कोयले का अवैध खनन किया जा रहा है।

इस रूट पर कई यात्री ट्रेनों का होता है परिचालन

इसकी सुध लेने वाला न ही रेलवे विभाग है और न ही प्रशासन। हालात यह कि अवैध खनन की आंच कभी भी रेलवे को नुकसान पहुंचा सकता है और बरकाकाना-सुभाष चंद्र बोस जंक्शन (गोमो)रूट बाधित हो सकता है। इसके बाद इस रूट पर चलने वाला बरकाकाना से आसनसोल चलने वाली पैसेंजर ट्रेन के अलावे शक्तिपुंज एक्सप्रेस व कई साप्ताहिक ट्रेनों का आवागमन बाधित हो सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, दनिया स्टेशन से दो किमी दूरी पर दनिया पंचायत के कारीपानी टोला है, जहां के कोयला तस्कर कारीपानी में ही रेलवे पटरी के पास ही 2009 दिसंबर से अवैध कोयले का खनन कर रहा है। हरेक साल दिसंबर से लेकर जून तक कोयले का खनन व्यापक पैमाने पर किया जाता है। इससे पटरी के आस-पास की जमीन खोखला हो चुकी है। यह जमीन वन विभाग गोमिया प्रक्षेत्र में पड़ता है, लेकिन वन विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी मौन हैं।

बताया गया कि हर सुबह लगभग 100 मजदूरों को कोयला कटिंग के लिए लगाया जाता है, जो देर शाम तक जारी रहता है। फिर अंधेरा होने पर ट्रैक्टरों का आना शुरू हो जाता है और रातभर में 50- 60 ट्रैक्टर कोयला लेकर  गंतव्य स्थान पर चले जाते हैं। इस प्रकार प्रत्येक दिन करीब 200 टन कोयला अवैध रूप से बाहर जाता है। कुछ कोयला ट्रकों द्वारा पास के एक जिले के फैक्ट्री में चला जाता है और कुछ कोयला चिमनी भटठा में चला जाता है।

अवैध खनन के कारण सैंकड़ों पेड़ नष्ट

बहरहाल, इस गोरखधंधे में ज्यादा नुकसान पहुंचने की संभावना है। कारीपानी के पास से गुजरने वाले रूट के आसपास जमीन आए दिन कमजोर होता जा रहा है। इसके आसपास लगे सैकड़ों पेड़ों अवैध खनन के कारण नष्ट हो गए। अगर समय रहते इस पर अंकुश नही लगाया गया तो आने वाले दिनों में कोई बड़ी घटना घट सकती है।

कारीपानी में हो रहे कोयले का अवैध खनन को हर हाल में रोका जाएगा। इसके लिए तीन बार वन विभाग गोमिया को पत्र भेजा जा चुका है। जल्द ही अवैध खनन का डोजरिंग किया जाएगा। वैसे भी कोयला तस्करों के खिलाफ मामला दर्ज हो रहा है। किसी भी हालत में अवैध कोयले का कारोबार नहीं करने दिया जाएगा।- संदीप कृण्णा, थाना प्रभारी, जगेश्वर बिहार, बोकारो

कारीपानी रेल पटरी के पास हो रहे अवैध कोयला खनन की जानकारी मुझे अब तक नहीं हुआ था, जो भी लोग इस प्रकार का अवैध कार्य रेलवे रूट के आस-पास कर रहे है, उसकी विभागीय जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि इस तरह के कार्य को लंबे समय से किया जा रहा है तो पुलिस को भी इस पर अंकुश लगाना चाहिए था। इसकी जानकारी देने के लिए दैनिक जागरण का शुक्रगुजार हुं।- कृष्णा पासवान, इंस्पेक्टर, आरपीएफ बरकाकाना।

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