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महिला को राजस्थान ले जाकर 35000 में बेचा, फोन पर बताई आपबीती तो मारा-मारा फिर रहा पति; नौकरी का दिया था झांसा

रामगढ़ की एक महिला मानव तस्करी की शिकार हो गई। महिला को मानव तस्कर ने राजस्थान में 35 हजार रुपये में बेच दिया। महिला ने बुधवार को किसी तरह से महिला ने अपने पति को फोन कर आप बीती बताई।

By Swami NandanEdited By: Mohit TripathiUpdated: Wed, 01 Feb 2023 07:11 PM (IST)
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रामगढ़ आदिम जनजाति बिरहोर परिवार की एक महिला मानव तस्करी का हुई शिकार।
रामगढ़, संवादसूत्र: झारखंड की विलुप्त होती आदिम जनजाति बिरहोर परिवार की एक महिला मानव तस्करी की शिकार हो गई। महिला को मानव तस्कर ने राजस्थान में 35 हजार रुपये में बेच दिया। इसका पता तब चला, जब महिला ने अपने पति से फोन पर अपनी आप बीती सुनाई।

एक साल पहले हुई थी लापता

मामला रामगढ़ के मांडू ब्लॉक के बड़गांव पंचायत का है। 40 वर्षीय महिला रेखा बिरहोर की मानव तस्करी का मामला अब गरमाने लगा है। बता दें कि बीते एक साल से रेखा बिरहोर लापता थी। विनोद बिरहोर ने अपनी पत्नी को खोजने का प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाया।

छुपकर मोबाइल से किया फोन

मामले का खुलासा तब हुआ, जब बीते बुधवार को विनोद बिरहोर के मोबाइल पर फोन आया। फोन पर उसकी गुमशुदा पत्नी रेखा बात कर रही थी। रेखा ने बताया कि वह राजस्थान के गदौली में नंदलाल जंगम पटवा के घर पर बंधक है। इसके बाद भी वह दो-तीन बार लुकछुप कर रेखा ने फोन कर आपबीती बताई थी।

पत्नी को ढूंढने राजस्थान जा पहुंचा पति

उसके पति ने बताया कि रेखा ने किसी महिला से फोन लेकर उसे कॉल थी। इसके बाद गांव से दो लोग विनोद बिरहोर और अजीत प्रसाद उसे ढ़ूढ़ने 29 जनवरी को राजस्थान जा पहुंचे।

काम दिलाने के बहाने तस्कर ले गया था राजस्थान

विनाेद बिरहोर ने बताया कि मेरी पत्नी को बड़गांव गुड़ियाटांड निवासी दीपक करमाली ने बहला फुसलाकर नजदीक में काम दिलाने के बहाने राजस्थान ले भागा था। जहां उसने उसे गदौली के नंदलाल जंगम पटवा के पास 35 हजार रुपये में बेच दिया।

मेरे पैसे दो और अपनी बीबी ले जाओ

नंदलाल का पता लगाते हुए जब वह उसके घर पहुंचा तो बाहर उसकी पत्नी दो तीन महिलाओं के साथ बैठी थी। सामने जाने पर रेखा ने अपने पति को पहचान लिया और अपने पति के साथ जाने की जिद करने लगी। इस बीच नंदलाल जंगम पटवा वहां आया और कहा कि ऐसे थोड़े जाने देंगे, मेरा पैसा खर्च हुआ है, मेरा पैसा मिलेगा तभी जाने देंगे।

नंदलाल ने कहा कि 35 हजार रुपये दो और अपनी पत्नी को ले जाओ। इसके बाद वह रेखा बिरहोर को लेकर अंदर चला गया और बात भी नहीं करने दी। रेखा के पति ने बताया कि इसके बाद वह करौली थाना गया जहां उसे वहां के चैनपुर चेकपोस्ट जाने को कहा गया।

चार बच्चे मां रेखा का कर रहे इंतजार

मानव तस्करी की शिकार रेखा बिरहोर की बड़ी बेटी बताया कि उसके माँ और पिता दोनों ईंट भट्टा पर मजदूरी कर परिवार का पेट पालते थे। एक साल हो गया, जब उसकी माँ यह कहकर घर से निकली थी कि वह काम करने जा रही है लेकिन वापस नहीं आई। एक साल से रेखा बिरहोर के लापता होने से उनके चार बच्चे अपनी मां का इंतजार कर रहे हैं।  साल भर से अपनी मां का इंतजार कर रहे बच्चों के साथ पूरी तरह से टूट चुके हैं। पिता बच्चों की मां को वापस लाने का हर संभव प्रयास में जुटा है। फिलहाल सभी बच्चे अपनी मां और पिता के आने की बांट जोह रहे है।

रेखा बिरहोर को सुरक्षित वापस लाने का चल रहा है प्रयास

मामले पर दैनिक जागरण से बात के दौरान बीडीओ मांडू सुधीर प्रकाश ने बताया कि विनोद बिरहोर ने जिला कल्याण पदाधिकारी को आवेदन देकर पत्नी को सुरक्षित वापस लाने की गुहार लगाई थी। जिस पर मांडू थाना को आवेदन फॉरवर्ड कर सूचित कर दिया है । इसके साथ उन्होंने रेखा को सुरक्षित लाने की प्रक्रिया करने की बात कही।

बंधक पत्नी को छुड़ाने के लिए भटक रहा है विनोद बिरहोर

एक साल बाद बीते बुधवार को जब विनोद बिरहोर की उनकी गुमशुदा पत्नी रेखा से फोन पर बात हुई तो विनोद की आंखे भर आई। पत्नी ने जब उन्हें बताया कि मुझे राजस्थान में एक घर में बेच दिया गया है, तब से विनोद अपनी पत्नी के वापस लाने के प्रयास में राजस्थान पहुंचकर दर दर भटक रहा है।अपने एक साथी के साथ अकेला विनोद अपनी पत्नी को तस्करों के चुंगल से छुड़ाने के लिए वह थाना का चक्कर लगा रहा है।

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