Jharkhand News: 16 साल पहले दारोगा बने 12 पुलिसकर्मी फिर हुए Demote, वीरता के आधार पर मिला था प्रमोशन
वीरता के आधार पर आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन से दारोगा में प्रोन्नत किए गए पुलिसकर्मियों को फिर से सिपाही बना दिया गया है। इसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने 22 जुलाई को आदेश भी जारी कर दिया है। बता दें कि इन पुलिस कर्मियों में से प्रोन्नत हुए एक पुलिस इंस्पेक्टर अमरनाथ-2 की मौत हो चुकी है। इन पुलिसकर्मियों को साल 2008 में प्रोन्नति दी गई थी।
राज्य ब्यूरो, रांची। वीरता के आधार पर आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन से दारोगा में प्रोन्नत 12 पुलिसकर्मी फिर सिपाही बन गए हैं। पुलिस मुख्यालय ने 22 जुलाई को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
इसमें कुल 13 पुलिसकर्मियों को प्रोन्नति मिली थी, जिनमें एक दारोगा अमरनाथ-2 को पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नति मिली थी और 12 सिपाहियों को दारोगा बनाया गया था। पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर प्रोन्नत अमरनाथ-2 पलामू जिला बल में थे, जहां उनकी मृत्यु हो चुकी है।
इन्हें सिमडेगा के बांसजोर ओपी पर एक जनवरी 2008 की रात उग्रवादियों के हमले के दौरान अभूतपूर्व व अदम्य साहस के लिए आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन दिया गया था। इनके प्रोमोशन के लिए सिमडेगा के तत्कालीन एसपी ने अनुशंसा की थी। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने 25 जनवरी 2008 को इन्हें प्रोन्नति दी थी।
झारखंड उच्च न्यायालय ने प्रोन्नति वापस लेने का दिया था आदेश
आउट ऑफ टर्म प्रोमोशन के विरोध में अरुण कुमार नामक एक व्यक्ति ने झारखंड उच्च न्यायालय में 2019 में याचिका दाखिल की थी।
उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड उच्च न्यायालय ने 16 दिसंबर 2022 को राज्य सरकार को यह आदेश दिया था कि मुठभेड़ में वीरता पूर्ण कार्य के आधार पर प्रोमोशन दिया जाना अवैध है। जिन्हें भी इस कार्य के बदले में प्रोमोशन मिला है, उनकी प्रोन्नति वापस लें।
18 जुलाई को दोबारा पुराने पद पर किया बहाल
इसके बाद भी जब सरकार के स्तर पर कोई निर्णय नहीं लिया गया तब हाई कोर्ट में अवमाननावाद दायर हुई। अवमाननावाद पर झारखंड हाई कोर्ट ने 16 जनवरी 2024 को फिर सरकार को आदेश दिया कि वे सभी 13 पुलिसकर्मियों की प्रोन्नति को वापस लें।
झारखंड उच्च न्यायालय के आदेश की समीक्षा के बाद राज्य सरकार की गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 18 जुलाई 2024 को पुलिस मुख्यालय को प्रोन्नति रद करते हुए पुराने पद पर बहाल करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस मुख्यालय ने 22 जुलाई को इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है।
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