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झारखंड में अनुसूचित जातियों में एक भी ईसाई, जैन नहीं

रांची : राज्य में अनुसूचित जनजाति की बड़ी आबादी भले ही ईसाई धर्म मानती हो, लेकिन यहां की अनुसूचित जात

By Edited By: Updated: Sun, 29 May 2016 01:08 AM (IST)
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रांची : राज्य में अनुसूचित जनजाति की बड़ी आबादी भले ही ईसाई धर्म मानती हो, लेकिन यहां की अनुसूचित जाति (एससी) में एक भी व्यक्ति इस धर्म को नहीं मानता। इस समुदाय का कोई व्यक्ति मुस्लिम या जैन धर्म भी नहीं मानता। अलबत्ता इनमें से कुछ सिख और बौद्ध धर्म को जरूर मानते हैं। रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया द्वारा जारी अनुसूचित जाति के धर्म से जुड़े आंकड़े में यह बात सामने आई है।

इसके अनुसार राज्य में अनुसूचित जाति की आबादी 39,85,644 है। इसमें 1,346 लोग बौद्ध तथा 669 लोग जैन धर्म मानते हैं। शेष 39,83,629 लोग ¨हदू धर्म ही मानते हैं। इस श्रेणी की तुरी, बाउरी, रजवार, पासी, दुसाध, धोबी, भुइयां, भोगता आदि जातियों में कुछ लोगों ने सिख या बौद्ध या दोनों धर्मो को अपनाया है। सभी के सभी दबगर और हलखोर ¨हदू धर्म ही मानते हैं।

एसटी में किसकी कितनी आबादी

बंतर : 343, बाउरी : 1,86,356, भोगता : 2,23,453, भुइयां : 8,48,151, मोची : 10,08,507, चौपाल : 632, दबगर : 4,378, धोबी : 2,51,686, धनगढ़ : 1,68,052, दुसाध, धारी : 4,24,330, घासी : 1,50,520, हलखोर : 580, हरि, मेहतर, भंगी : 58,242, कंजर : 405, कुरारियार : 1,475, लालबेगी : 1,240, मुसहर : 53,096, नट : 1,286, पान, स्वांसी : 26,459, पासी : 72,357, रजवार : 1,96,320, तुरी : 1,98,344, जेनरिक कास्ट आदि : 1,09,422।

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