RINPAS Ranchi: 20 साल बीत गए, रिनपास में सिर्फ चार पदों पर ही हो सकी है नियुक्ति
RINPAS Ranchi रिनपास में नियुक्ति की प्रक्रिया पेंडिंग है। मनोरोगियों के इलाज में पूरी व्यवस्था नहीं दिखती। रिनपास के कुल 740 पदों में से सिर्फ चार पदों पर ही नियुक्ति हुई है। इसमें भी चिकित्सकों की कुल 12 सृजित पदों में से 4 मनोचिकित्सक नियुक्त हुए हैं।
रांची,जासं। राज्य गठन के 20 साल गुजर गए। आज तक रिनपास में नियुक्ति की प्रक्रिया बहुत ही धीमी रही है। इसका परिणाम यह रहा है की मनोरोगियों के इलाज में पूरी व्यवस्था नहीं दिखती। रिनपास के कुल 740 पदों में से सिर्फ चार पदों पर ही नियुक्ति हुई है। इसमें भी चिकित्सकों की कुल 12 सृजित पदों में से 4 मनोचिकित्सक नियुक्त हुए हैं, जबकि राज्य गठन से पहले चार मनोचिकित्सक कार्यरत हैं। दूसरी ओर नर्सिंग के 130 पदों के लिए आज तक एक भी नियुक्ति नहीं हो सकी है। अभी 60 नर्स कार्यरत हैं जो राज्य गठन के पूर्व पदस्थापित की गई थीं। इसमें से आउट सोर्स के भी स्टाफ रिनपास के मरीजों का देखभाल कर रहे हैं।
रिनपास के निदेशक डॉक्टर सुभाष सोरेन ने बताया कि रिनपास के स्टाफिंग पैटर्न 1998 के सृजित कुल 610 पदों में से मनोचिकित्सक की कुल 12 सृजित पदों में से अब तक 4 पद पर ही नियुक्ति हुई है। जबकि नर्सिंग के कुल सृजित 130 पद के विरुद्ध कोई नियुक्ति नहीं हो पाई है। रिनपास शैक्षणिक संवर्ग की नियुक्ति नियमावली 2020 अधिसूचित हो गई है। सहायक प्राध्यापक और मनोचिकित्सक के 3 पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना जेपीएससी को भेजी गई है।
इसके अलावा रिनपास गैर शैक्षणिक संवर्ग की नियुक्ति नियमावली 2021 प्रक्रियाधीन है जिसके बाद और भी नियुक्ति का मार्ग खुल सकेगा। साथ ही राज्य के छह मेडिकल कालेजों के मनोचिकित्सा विभाग में और डिस्ट्रिक्ट मेंटल हेल्थ प्रोग्राम के तहत दुमका , डाल्टनगंज, गुमला और जमशेदपुर के सदर अस्पताल में डीएमएचपी क्लीनिक में ओपीडी स्तर के मानसिक मरीजों का इलाज होता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान विधानसभा सत्र में हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल द्वारा इस संबंध में प्रश्न पूछे गए हैं इसके जवाब में विभाग को भी इसकी जानकारी दी गई है।