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Jharkhand News: कैमरून में फंसे 27 मजदूर, वीडियो जारी कर लगाई वतन वापसी की गुहार; ये है बड़ी वजह

साउथ अफ्रका के कैमरून में राज्य के 27 प्रवासी मजदूरों फंसे होने का वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में मजदूरों केंद्र व राज्य सरकार से वापसी की मांग कर रहे है। वहीं कंपनी के पदाधिकारियों ने सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल किए जाने पर आपत्ति जताई है। इस वीडियो में मजदूर उन्हें किसी भी तरह का कोई लाभ नहीं मिलने के बारे में बता रहे हैं।

By kumar Gaurav Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Fri, 19 Jul 2024 06:33 PM (IST)
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कैमरून में फंसे भारतीय मजदूरों ने की वतन वापसी की अपील (सांकेतिक तस्वीर)
जागरण संवाददाता, रांची। राज्य के प्रवासी मजदूरों के विदेश में फंसे होने का मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। इस बार सरिया थाना क्षेत्र के चीचाकी निवासी शुकर महतो सहित झारखंड के 27 प्रवासी मजदूर साउथ अफ्रीका के कैमरून में फंसे हुए हैं।

वहीं एल एंड टी कंपनी के पदाधिकारियों ने बिना जानकारी इंटरनेट मीडिया पर वीडियो वायरल किए जाने पर आपत्ति जताई है। साथ ही उन्होंने फंसे सभी मजदूरों की वापसी की मांग केंद्र व राज्य सरकार से की है।

वीजा प्रबंधक विनायक पवार के नेतृत्व में सभी मजदूर काम करने कैमरून गए हैं। लेकिन मजदूरों को कोई लाभ नहीं मिलने के कारण आक्रोशित होकर वीडियो वायरल किया गया।

कंपनी के पदाधिकारियों ने बयान में क्या कहा? 

एल एंड टी कंपनी के पदाधिकारियों ने लिखित बयान में कहा है कि पेमेंट से लेकर अन्य सुविधाओं की जिम्मेदारी ठेकेदार विनायक पवार की थी। मजदूरों की शिकायत के बाद कैमरून स्थित कंपनी के पदाधिकारियों की मध्यस्थता कराई गई और मामले का निष्पादन किया गया है।

बता दें कि झारखंड के सरिया, गिरिडीह, बोकारो और हजारीबाग जिले के कुल 27 मजदूर अफ्रीका के कैमरून में फंसे हुए हैं। अब इन मजदूरों ने सरकार से वतन वापसी की गुहार लगाई है। पिछले चार महीने से मजदूरों को कंपनी द्वारा मजदूरी नहीं मिली है। मजदूरों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है।

सोशल मीडिया पर वीडियो किया शेयर

ऐसी स्थिति में मजदूरों ने सोशल मीडिया पर वीडियो शेयर कर अपनी दुर्दशा बताई तो मामला गरमाने लगा। इस सिलसिले में प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे पर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार से मजदूरों के सकुशल वतन वापसी के लिए ठोस कूटनीतिक पहल करने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि विदेशों में फंसने वाले मजदूरों का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कई बार प्रवासी मजदूर ज्यादा पैसे कमाने की लालच में विदेश जाकर फंस चुके हैं।

ये मजदूर हैं फंसे

दिए गए आवेदन के अनुसार गिरिडीह जिला के सरिया थाना क्षेत्रांतर्गत चीचाकी के शुकर महतो, डुमरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत अतकी के रमेश महतो, विजय कुमार महतो, दूधपनिया के दौलत कुमार महतो, हजारीबाग के बिसुन, जोबार के टेकलाल महतो, खरना के छत्रधारी महतो, भीखन महतो, चानो के चिंतामण महतो, बोकारो जिला के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के मोहन महतो, डेगलाल महतो, गोविंद महतो, चुरामन महतो, जगदीश महतो, मुरारी महतो, लखीराम, पुसन महतो, गोनियाटो के कमलेश कुमार महतो, महेश कुमार महतो, दामोदर महतो, मुकुंद कुमार नायक, नारायणपुर परमेश्वर महतो, धवैया के अनु महतो, धनेश्वर महतो, रालीबेडा के शीतल महतो और कुलदीप हंसदा कैमरून में फंसे हैं।

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