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क्‍वारंटाइन में मौज-मस्‍ती, 3 तब्‍लीगी महिलाएं गर्भवती, जांच से पहले एडिशनल कलक्टर का तबादला

3 Tablighi Jamaat Women Pregnant पूरे मामले की जांच शुरू होने के पहले ही रांची जिला प्रशासन की ओर से जिम्‍मेवार बनाए गए एडिशनल कलक्‍टर का अचानक तबादला कर दिया गया।

By Alok ShahiEdited By: Updated: Sun, 26 Jul 2020 05:02 AM (IST)
क्‍वारंटाइन में मौज-मस्‍ती, 3 तब्‍लीगी महिलाएं गर्भवती, जांच से पहले एडिशनल कलक्टर का तबादला
रांची, राज्य ब्यूरो। 3 Tablighi Jamaat Women Pregnant  कोरोना वायरस महामारी से जहां देश-दुनिया में खौफ और दहशत का माहौल है, वहीं झारखंड की राजधानी रांची के खेलगांव क्‍वारंटाइन सेंटर में मौज-मस्‍ती और मुस्लिम महिलाओं द्वारा शारीरिक संबंध बनाने को लेकर झारखंड में बवाल बढ़ गया है। यहां तब्‍लीगी जमात से जुड़ी 3 विदेशी महिलाएं गर्भवती मिलीं, जिसके बाद शासन-प्रशासन में पूरी तरह हड़कंप मच गया। नीचे से ऊपर तक खलबली का आलम यह है कि कोई भी अफसर मुंह खोलने को तैयार नहीं है। रांची के उपायुक्‍त की ओर से आनन-फानन में एडिशनल कलक्‍टर को पूरे मामले की जांच का जिम्‍मा सौंपा गया, लेकिन जांच शुरू होने से कुछ देर पहले ही उनका तबादला कर दिया गया।

सरकार की नाक के नीचे राजधानी रांची के खेलगांव क्‍वारंटाइन सेंटर में 3 तब्‍लीगी महिलाओं के गर्भवती होने के मामला गरमा गया है। झारखंड में क्‍वारंटाइन सेंटर में ऐश-मौज को लेकर सियासत भी तेज हो गई है। इस मामले की जांच के आदेश के बाद इस मसले से प्रत्‍यक्ष-अप्रत्‍यक्ष रूप से जुड़े सभी संबंधित संस्‍थान यथा बिरसा मुंडा जेल, जिला प्रशासन, रांची पुलिस और स्‍वास्‍थ्‍य विभाग इस मामले में अपनी गर्दन बचाने में लगे हैं।

तब्‍लीगी जमात की 3 महिलाओं के गर्भवती पाए जाने के बाद पूरे मामले से हुक्‍मरान अपनी भूमिका से पल्ला झाड़ने की कोशिश में जुट गए हैं। कोरोना वायरस संक्रमण से जूझ रहे राज्‍य के इस बेहद गंभीर मामले में गुरुवार को तब नया माेड़ आ गया, जब पूरे मामले की जांच शुरू होने के पहले ही रांची जिला प्रशासन की ओर से जिम्‍मेवार बनाए गए एडिशनल कलक्‍टर का अचानक तबादला कर दिया गया। हालांकि रांची के उपायुक्‍त ने नए अफसर की तैनाती के साथ ही जांच कराने का दम भर रहे हैं।

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राजधानी रांची के खेलगांव स्थित क्वारंटाइन सेंटर में तब्लीगी जमात की तीन महिलाओं के गर्भवती होने के मामले की जांच का जिम्मा रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने बुधवार को रांची के एडिशनल कलक्टर (अपर समाहर्ता) को दिया था। जांच शुरू भी नहीं हुई थी कि एडिशनल कलक्टर का तबादला हो गया। और अब जांच कब शुरू होगी अभी यह कहना भी मुश्किल है।

बहरहाल रांची से जांच पदाधिकारी, एडिशनल कलेक्टर सतेंद्र कुमार का तबादला तो कर दिया गया, लेकिन किसी को इस पद का प्रभार नहीं दिया गया है। जबकि रांची के उपायुक्त का कहना है कि जैसे ही एडिशनल कलक्टर की नियुक्ति हो जाएगी और वे पदभार ग्रहण कर लेंगे, क्‍वारंटाइन सेंटर में तब्‍लीगी जमात की 3 महिलाओं के गर्भवती होने के मामले की जांच शुरू हो जाएगी। जाहिर तौर पर प्रशासन के रवैये से समझा जा सकता है कि वह मामले की जांच के प्रति कितनी गंभीर है। 

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सब पता लगा रहे कब हुईं गर्भवती

मामले की जांच अभी शुरू भी नहीं हुई है, लेकिन सभी संबंधित पक्ष अपनी भूमिका को लेकर सतर्क हो गए हैं। रांची स्थित खेल गांव का क्वारंटाइन सेंटर रांची जिला प्रशासन, रांची पुलिस व स्वास्थ्य विभाग के अधीन संचालित हो रहा था। अब तीनों महिलाओं के गर्भवती होने की तिथि का पता लगाने में जुटे हैं ताकि अपनी भूमिका से पल्ला झाड़ सकें। तब्लीगी जमात की महिलाएं 30 मार्च को हिंदपीढ़ी से उठाकर खेलगांव स्थित क्वारंटाइन सेंटर में भेजी गई थीं।

उनपर वीजा नियम व लॉकडाउन उल्लंघन मामले में हिंदपीढ़ी थाने में 10 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 30 मार्च से 10 अप्रैल तक सभी खेलगांव के क्वारंटाइन सेंटर में रहीं। दस अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज होने के बाद महिलाएं व तब्लीगी जमात के अन्य सदस्य न्यायिक हिरासत में ले ली गईं, तब उन्हें क्वारंटाइन सेंटर से उठाकर खेलगांव स्थित कैंप जेल में रख दिया गया। यहां 20 मई को खेलगांव के क्वारंटाइन सेंटर से बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में भेज दिया गया। 

जेल प्रशासन पर भी सवाल

नियमत: 10 अप्रैल के बाद से ही सभी जेल प्रशासन के अधीन चली गईं, भले ही 20 मई को उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में भेजा गया। अब यहां फेंका-फेंकी यह है कि 30 मार्च से 10 अप्रैल तक ही जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग व जिला पुलिस के अधीन क्वारंटाइन सेंटर में तब्लीगी जमात की महिलाएं रहीं। इस अवधि में गर्भवती हुईं तो दोष इनके माथे आएगा। इसके बाद हुईं तो जेल प्रशासन दोषी माना जाएगा।

जबकि, जेल प्रशासन का तर्क है कि 20 मई को सभी बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार गईं हैं और उनकी जवाबदेही 20 मई से बनती है। यहां बताते चलें कि खेलगांव का कैंप जेल भी जेल प्रशासन के अधीन ही संचालित हो रहा था। अब गर्भधारण की तिथि यह जवाबदेही तय करेगी कि किसके ज्यूरिसडिक्शन काल में तीनों महिलाओं ने गर्भधारण किया, उसके बाद ही चूक के लिए दोषी चिह्नित होंगे।

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