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जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 39 कैदी होंगे रिहा, पुनरीक्षण परिषद की बैठक में CM हेमंत ने लिया फैसला

राज्य की अलग-अलग जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 74 कैदियों में से 39 कैदियों को रिहा किया जाएगा। इस संबध में सोमवार को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में सजा पुनरीक्षण परिषद की 31वीं बैठक की गई। इस बैठक में राज्य की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 74 कैदियों की रिहाई को लेकर समीक्षा की गई।

By Dilip Kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Mon, 05 Aug 2024 08:10 PM (IST)
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सजा पुनरीक्षण बैठक में सीएम हेमंत ने 39 कैदियों को रिहा करने के दिए आदेश

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड मंत्रालय में सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की 31वीं बैठक हुई।

इस बैठक में राज्य की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 74 कैदियों की रिहाई से संबंधित समीक्षा की गई। समीक्षा के बाद इन 74 कैदियों में से 39 कैदियों को रिहा किए जाने के निर्णय पर झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद ने अपनी स्वीकृति दी है।

समीक्षा के क्रम में न्यायालयों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षक, जेल अधीक्षक व प्रोबेशन पदाधिकारी के मंतव्य पर बिंदुवार विचार-विमर्श करने के बाद इन 39 कैदियों को रिहा करने पर सहमति बनी है।

सीएम सोरेन ने दिया अधिकारियों को निर्देश

बैठक में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की अनुशंसा के आलोक में राज्य की विभिन्न जेलों में बंद आजीवन कारावास की सजा काटकर रिहा हुए कैदियों की जानकारी लें।

उनकी पारिवारिक स्थिति, सामाजिक व आर्थिक स्थिति का सत्यापन अवश्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा है कि रिहा हुए कैदियों के जीवन यापन के लिए, आय सृजन के लिए विशेष कार्य योजना तैयार करें। रिहा हुए कैदियों को स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम से जोड़ें।

कैदियों को रोजगार से भी जोड़ा जाएगा

रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें डेयरी फार्म, मुर्गी फार्म, पशुपालन आदि योजनाओं का लाभ दिलाएं। कारागार से रिहा होने के बाद इन कैदियों को जीवनयापन में सामाजिक रूप से कोई समस्या उत्पन्न न हो तथा आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़े, इस निमित्त एक बेहतर प्लान तैयार कर इन्हें स्वरोजगार से जोड़ें।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि रिहा होने वाले वैसे कैदी जिनकी उम्र अधिक हो चुकी है, उनकी पारिवारिक स्थिति की जानकारी भी लें। रिहा हुए कैदियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना सभी की नैतिक जिम्मेदारी भी है।

बैठक में ये रहे मौजूद

झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव सह विधि परामर्शी विधि (न्याय) विभाग नलिन कुमार, प्रधान सचिव गृह कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग वंदना दादेल, न्यायिक आयुक्त रांची दिवाकर पांडेय, डीजीपी अनुराग गुप्ता, कारा महानिरीक्षक झारखंड सुदर्शन प्रसाद मंडल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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