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Vande Bharat Express से नोटों से भरा बैग ले जा रहा युवक पटना जंक्शन पर फिर गिरफ्तार, ATS ने गिरफ्तार कर भेजा जेल

Jharkhand News पटना जंक्शन पर रंगदारी से वसूले गए पांडेय गिरोह का एक सदस्य 50 लाख रुपये के साथ पटना जीआरपी व आरपीएफ ने गिरफ्तार किया है। बता दें कि गिरफ्तार हुआ युवक वंदे भारत एक्सप्रेस के जरिए रांची से पटना जा रहा था। गिरफ्तार होने के बाद पटना पुलिस की सूचना पर झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

By Dilip Kumar Edited By: Shoyeb Ahmed Updated: Sat, 17 Aug 2024 09:10 PM (IST)
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पटना जंक्शन पर 50 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार हुआ युवक

राज्य ब्यूरो, रांची। लेवी-रंगदारी से वसूले गए पांडेय गिरोह के 50 लाख रुपये लेकर जा रहा गिरोह का एक सदस्य पटना में पकड़ा गया। वह वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) से रांची से पटना जा रहा था।

पकड़ा गया आरोपित बजरंग कुमार ठाकुर है, जो रामगढ़ जिले के पतरातू थाना क्षेत्र के जयनगर का रहने वाला है। पटना जीआरपी व आरपीएफ की पूछताछ में उसने बताया है कि उक्त राशि पांडेय गिरोह के सरगना विकास तिवारी के हैं।

एटीएस थाने में एफआईआर की गई दर्ज

पटना पुलिस की सूचना पर झारखंड में संगठित अपराध के विरुद्ध कार्रवाई कर रही झारखंड पुलिस की आतंकवाद निरोधक दस्ता (Jharkhand ATS) ने उसकी विधिवत गिरफ्तारी की और इस पूरे प्रकरण में एटीएस थाने में 17 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की है।

गिरफ्तार आरोपित को रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया गया है। जब्त 50 लाख रुपये को आयकर विभाग के माध्यम से विधिवत जब्ती की गई है। आरोपित बजरंग कुमार ठाकुर के पास से तीन मोबाइल फोन भी मिले हैं, जिसे एटीएस ने जब्त किया है।

11 अगस्त को भी पटना में पकड़ा गया था बजरंग

पांडेय गिरोह का सदस्य बजरंग कुमार ठाकुर 11 अगस्त को भी पटना रेलवे स्टेशन पर पकड़ा गया था। उसे रेलवे सुरक्षा बल व राजकीय रेल पुलिस पटना ने पकड़ा था। उस समय भी उसके पास से 50 लाख रुपये मिले थे। पूछताछ में उसने बताया था कि वह पांडेय गिरोह के सरगना विकास तिवारी के कहने पर वह उक्त रुपये लेकर जा रहा था।

इसके बाद ही पटना पुलिस ने 12 अगस्त को झारखंड पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद झारखंड से एटीएस की टीम पटना गई और बजरंग से विधिवत पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार की। बिहार में रुपये किसको देने थे, उसने यह जानकारी भी एटीएस को दी है, जिसकी तलाश चल रही है।

कई अन्य सहयोगियों की भी तलाश चल रही है, जिनकी गिरफ्तारी होनी है। उसने एटीएस को बताया कि उक्त रुपये पांडेय गिरोह ने राज्य के उद्योगपतियों, कोयला कारोबारियों, अन्य व्यवसायियों से हत्या की धमकी देकर लेवी-रंगदारी के रूप में वसूले थे। विकास तिवारी व उसके गिरोह के विरुद्ध झारखंड में पहले से कई कांड दर्ज हैं।

संगठित अपराध के विरुद्ध एटीएस को मिली है जांच की जिम्मेदारी

झारखंड में पुलिस मुख्यालय ने एटीएस को संगठित अपराध के विरुद्ध ठोस कार्रवाई का आदेश दे रखा है। एटीएस को संगठित आपराधिक गिरोहों के फंडिंग, आर्थिक स्रोतों, हवाला चैनल व इनके अपराध से अर्जित की गई संपत्ति का पता लगा रही है। इस तरह के अपराध में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए झारखंड एटीएस लगातार कार्य कर रही है।

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