Jharkhand News: पहले जेल अधिकारियों पर लगाया ये गंभीर आरोप, जांच हुई तो मुकर गई महिला; पढ़ें पूरा मामले
शुक्रवार को खूंटी उप कारा की एक महिला बंदी के वायरल पत्र में जेल प्रशासन से जुड़े पदाधिकारियों पर लगे सनसनीखेज आरोपों की अधिकारियों ने जांच की। इस मामले में खूंटी के उपायुक्त लोकेश मिश्रा के आदेश पर गठित प्रभारी एसडीओ व महिला चिकित्सक की टीम के अलावा जेल निदेशक मनोज कुमार भी खूंटी उप कारा पहुंचे और महिला बंदी का बयान लिया।
राज्य ब्यूरो, रांची। खूंटी उप कारा की एक महिला बंदी के वायरल पत्र में जेल प्रशासन से जुड़े पदाधिकारियों पर लगे सनसनीखेज आरोपों की शुक्रवार को अधिकारियों ने जांच की।
खूंटी के उपायुक्त लोकेश मिश्रा के आदेश पर गठित प्रभारी एसडीओ व महिला चिकित्सक की टीम के अलावा जेल निदेशक मनोज कुमार भी शुक्रवार को खूंटी उप कारा पहुंचे। अधिकारियों ने महिला बंदी का बयान लिया।
महिला बोली नहीं लिखा कोई पत्र
महिला ने बताया कि उसने जेल से कोई भी पत्र नहीं लिखा है। अब तक की छानबीन में यह बात सामने आई है कि आरोप लगाने वाली कथित महिला इसी वर्ष फरवरी महीने में एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार हुई थी। जेल जाने वाली प्रत्येक महिला की मेडिकल जांच होती है, जिसमें वह महिला दो महीने की गर्भवती बताई गई थी।जेल जाने के बाद उस महिला ने जेल प्रशासन से आग्रह किया था कि वह गर्भपात करवाना चाहती है। इसके लिए महिला ने कोर्ट में आवेदन दिया, जिसपर सुनवाई के बाद कोर्ट ने ही महिला का गर्भपात करवाने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर ही महिला का गर्भपात कराया गया था।
जांच में ये आया सामने
जांच टीम ने महिला की दोबारा मेडिकल जांच की, जिसमें दुष्कर्म व गर्भवती का कोई मामला सामने नहीं आया। छानबीन में टीम ने पाया कि उस महिला के साथ किसी प्रकार का शारीरिक शोषण नहीं हुआ है।महिला व महिला की मां ने महिला दंडाधिकारी के सामने बयान दिया कि जेल में कोई शारीरिक शोषण नहीं किया गया है। अधिकारियों का मानना है कि किसी ने जान-बूझकर जेल प्रशासन को बदनाम करने के लिए सनसनीखेज आरोप लगाया है।
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