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किसानों पर मौसम की मार, खेत दिखाते हुए रो पड़ी महिला

रांची जुलाई बीतने को हैं और रांची में अभी तक सिर्फ 50 फीसदी बारिश हुई है। सावन के महीने में रांची के लोगों को तेज धूप का सामना करना पड़ रहा है। मौसम की बेरुखी का सबसे बुरा प्रभाव किसानों व उनकी खेती पर पड़ रहा है।

By JagranEdited By: Updated: Thu, 18 Jul 2019 06:37 AM (IST)
किसानों पर मौसम की मार, खेत दिखाते हुए रो पड़ी महिला

विवेक आर्यन, रांची :

जुलाई बीतने को हैं और रांची में अभी तक सिर्फ 50 फीसदी बारिश हुई है। सावन के महीने में रांची के लोगों को तेज धूप का सामना करना पड़ रहा है। मौसम की बेरुखी का सबसे बुरा प्रभाव किसानों व उनकी खेती पर पड़ रहा है। बारिश नहीं होने से खेतों में दरार पड़ने लगी है। जो फसल खेतों में लगे हैं वो मरने लगे है। सबसे ज्यादा सब्जी की खेती प्रभावित हुई है। बुधवार को खेती का हाल बताते हुए बोड़ेया की महिलाओं के आंखों में आंसू आ गए। केशवा देवी कहने लगी कि उनके पास जमीन नहीं है, दूसरे की खेत बटइया लेकर भिंडी की खेती कीं थीं, सूखे जमीन पर सब मर गए। उन्हें आठ हजार रुपये का नुकसान उठाना पड़ा। यही हाल पती देवी व सुनीता देवी का भी है। धान की रोपाई के लिए खेतों में पानी नहीं :

कृषि के जानकार बताते हैं कि 13 जुलाई तक रांची में धान की बोआई युद्ध स्तर पर शुरू हो जाता है। लेकिन इस वर्ष बारिश नहीं होने से अभी तक धान की रोपाई नहीं शुरू हुई है। रोपा करने के लिए खेतों में कम से कम तीन इंच तक पानी जरूरी है। इसके विपरीत बारिश नहीं होने से खेतों में दरार आने लगी है। किसान पंपसेट चलाकर बिचड़े को बचाने में लगे हुए हैं। बीहन तैयार है, रोपाई के लिए जमीन नहीं -

मानसून की शुरुआती बारिश में जिन किसानों ने बीहन लगाया वह अब पूरी तरह तैयार हो चुके हैं। लेकिन उन बीहन को रोपने के लिए खेत तैयार नहीं है। उपरी, मध्यम और निचले स्तर के खेत पूरी तरह सूखे हैं। यहां तक कि जिस खेत में बीहन लगे हैं, उनमें भी दरार पड़ चुकी हैं। जिनके पास साधन है, वो बीहन में मोटर चलाकर पटवन कर रहे हैं। यदि अगले 10 दिनों में तेज बारिश नहीं हुई तो किसानों के पास कोई और विकल्प नहीं बचेगा। क्या करें किसान -

कृषि वैज्ञानिक डॉ. ए वदूद बताते हैं कि ऐसा कभी नहीं हुआ है कि मानसून में बारिश नहीं हो। यदि शुरुआत में बारिश नहीं हो रही है तो मानसून के दूसरे फेज में अच्छी बारिश होने की पूरी संभावना है। उन्होंने बताया कि धान की रोपाई में देरी हो रही है तो किसान छोटी अवधि के फसल लगाएं जो अक्टूबर तक तैयार हो जाएं। उपरी जमीन पर करें इसकी खेती

- जमीन में नमी हैं तो मक्का, अरहर, बरसाती आलू जैसे फसल लगाएं।

- धान की बोआई अभी नहीं करें मध्यम जमीन

- मध्यम जमीन पर श्रीविधि से धान की बोआई कर सकते हैं।

- कम अवधि वाले फसल लगाएं जो कि 90 से 100 दिनों में तैयार हो जाए निचली जमीन

- नीचली जमीन पर कुछ भी नहीं किया जा सकता, बारिश होने का इंतजार करें

- बारिश होते ही कादो कर धान की बोआई शुरू करें

- छोटी अवधि के धान हो तो बेहतर है, वरना लंबी अवधि के धान भी लगा सकते हैं। रांची में कमजोर है मानसून, तापमान में वृद्धि -

रांची में अभी भी मानसून कमजोर है। बुधवार शाम को हल्की बारिश को छोड़ दें तो पिछले चार दिनों से रांची में बिल्कुल बारिश नहीं हुई है। इससे इतर तापमान में लगातार वृद्धि हो रही है। रांची में अधिकतम तापमान 32.8 डिग्री रहा जो कि सामन्य से 0.3 डिग्री अधिक है। इसके अलावा न्यूनतम तापमान 24.2 डिग्री दर्ज किया गया है, जो कि सामान्य से 0.7 डिग्री ज्यादा है। आज हो सकती है हल्की बारिश

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आज राज्य के कुछ हिस्सों में हल्के से मध्यम दर्जे की वर्षा हो सकती है। रांची और इसके आसपास के क्षेत्रों में बादल छाए रहेंगे। एक-दो बार हल्की बारिश होने की भी संभावना है। मौसम को लेकर विभाग द्वारा कोई चेतावनी नहीं दी गई है।

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