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रिश्वतखोर दारोगा के साथ हो गया कांड! केस डायरी में सहयोग के लिए मांग रहा था पैसे, ACB को देखा तो हो गई बत्ती गुल

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने खूंटी दारोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद से एसीबी के अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं। उनके खिलाफ एसीबी थाने में आठ जनवरी को इसी साल की पहली प्राथमिकी दर्ज हुई है। आरोप है उसने केस डायरी में सहयोग करने के लिए 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank ShekharUpdated: Tue, 09 Jan 2024 08:29 PM (IST)
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रिश्वतखोर दारोगा के साथ हो गया कांड! केस डायरी में सहयोग के लिए मांग रहा था पैसे

राज्य ब्यूरो, रांची। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो रांची की टीम ने मंगलवार को खूंटी थाने के दारोगा श्रीकांत कुमार को 10 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। एसीबी के अधिकारी गिरफ्तार दारोगा से पूछताछ कर रहे हैं। उनके विरुद्ध एसीबी थाना रांची में आठ जनवरी को इस वर्ष की पहली प्राथमिकी दर्ज हुई है।

उन पर आरोप है कि उन्होंने केस डायरी में सहयोग करने के नाम पर 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी और पहली किश्त में दस हजार रुपये रिश्वत ले रहे थे कि एसीबी के अधिकारियों ने उन्हें रंगे हाथ दबोच लिया।

खूंटी थाना क्षेत्र निवासी ने की थी शिकायत 

शिकायतकर्ता खूंटी थाना क्षेत्र के रेवा गांव निवासी रोहित कुमार हैं। उन्होंने एसीबी में लिखित शिकायत कर दारोगा की शिकायत की थी। उनका आरोप था कि खूंटी थाने में 19 जून 2023 को एक प्राथमिकी दर्ज हुई थी। प्राथमिकी में उनके पिता भोला प्रजापति को 31 दिसंबर 2023 को नोटिस जारी की गई और पूछताछ के लिए खूंटी थाने में बुलाया।

रोहित प्रजापति अपने पिता भोला प्रजापति के साथ खूंटी थाने में गए। वहां कांड के अनुसंधानकर्ता श्रीकांत कुमार से मिले व नोटिस का जवाब दिए, लेकिन दारोगा ने उनके जवाब को स्वीकार नहीं किया। दारोगा श्रीकांत कुमार ने उनलोगों को बताया कि उनसे खूंटी थाने में 19 जून 2023 को पकड़े गए अवैध पत्थर लदे दो ट्रैक्टर के संबंध में पूछताछ की गई है।

दारोगा श्रीकांत कुमार ने 15 हजार रुपये की मांग की

इस प्राथमिकी से संबंधित केस डायरी में सहयोग करने के लिए दारोगा श्रीकांत कुमार ने 15 हजार रुपये की मांग की। वे बोले कि पैसा देने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

शिकायतकर्ता रोहित प्रजापति ने इसकी शिकायत एसीबी में की। एसीबी के पुलिस निरीक्षक गुलाम शाहिद अंसारी से पूरे मामले का सत्यापन कराया गया। उन्होंने जांच में दारोगा श्रीकांत कुमार के माध्यम से दस हजार रुपये रिश्वत के रूप में मांगने का मामला सत्य पाया। इसके बाद ही दारोगा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया।

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