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Jharkhand News: दारोगा मीरा सिंह के बाद अब इस पुलिस पदाधिकारी पर बड़ा एक्शन, जमीन व बालू घोटाले से है कनेक्शन

रांची के तुपुदाना ओपी प्रभारी दारोगा मीरा सिंह के बाद अब वहां के मुंशी सुनील सिंह को भी लाइन हाजिर कर दिया गया है। UNHRC के आदेश के बाद रांची पुलिस की आंतरिक जांच में दोनों के खिलाफ आरोपों की पुष्टि हुई थी। इसके बाद आयोग ने दोनों ही पदाधिकारियों पर कार्रवाई कर आयोग को सूचित करने के लिए बार-बार एसएसपी को समन किया।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 28 Mar 2024 08:20 PM (IST)
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दारोगा मीरा सिंह के बाद अब सुनील सिंह भी लाइन हाजिर। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। चतरा के युवक विकास सिन्हा की बर्बरता से पिटाई मामले में दोषी मिलीं तुपुदाना ओपी की प्रभारी दारोगा मीरा सिंह के बाद, अब वहां के मुंशी सुनील सिंह भी लाइन हाजिर कर दिए गए हैं। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के आदेश के बाद रांची पुलिस की आंतरिक जांच में दोनों के विरुद्ध आरोपों की पुष्टि हुई थी।

इसके बाद आयोग ने दोनों ही पदाधिकारियों पर कार्रवाई कर आयोग को सूचित करने के लिए बार-बार एसएसपी को समन किया। जब कार्रवाई नहीं हुई तो आयोग ने एसएसपी को आयोग के सामने सशरीर उपस्थित होने के लिए अंतिम समन किया।

इसपर संज्ञान लेते हुए एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा ने पहले दारोगा मीरा सिंह और फिर तुपुदाना ओपी के मुंशी एएसआइ सुनील सिंह को लाइन हाजिर कर दिया। दोनों पर की गई कार्रवाई से एसएसपी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को अवगत भी करा दिया है।

ईडी ने तुपुदाना ओपी का सरकारी मोबाइल भी किया था जब्त

ईडी की छापेमारी के दूसरे ही दिन एसएसपी ने तुपुदाना ओपी प्रभारी मीरा सिंह को लाइन हाजिर किया था। जमीन व बालू घोटाला मामले में मनी लांड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने 21 मार्च को तुपुदाना ओपी की प्रभारी दारोगा मीरा सिंह और उनके करीबी जमीन कारोबारी सह कांग्रेस नेता लाल मोहित नाथ शाहदेव के ठिकानों पर छापेमारी की थी।

इस छापेमारी में 12.50 लाख रुपये नकद व आठ मोबाइल बरामद किए गए थे। जब्त मोबाइल में तुपुदाना ओपी का सरकारी मोबाइल भी शामिल है। ईडी मोबाइल का डेटा निकाल रही है। इस छापेमारी के बाद ही दोनों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही थी।

छापेमारी के दूसरे ही दिन SSP ने मीरा सिंह पर लिया था एक्शन 

इस छापेमारी के दूसरे ही दिन एसएसपी ने दारोगा मीरा सिंह को लाइन हाजिर कर दिया था। दारोगा मीरा सिंह खूंटी में दुष्कर्म के आरोपित को बचाने के एवज में रिश्वत लेते गिरफ्तार हुई थीं। जेल से जमानत पर छूटने के बाद रांची जिला में योगदान दीं और अपनी पहुंच के बल पर तुपुदाना ओपी की प्रभारी बनीं। तुपुदाना ओपी प्रभारी रहते हुए भी उनपर गंभीर आरोप लगे।

HC व UNHRC में दोनों ही पदाधिकारियों पर लंबित है मामला

दारोगा मीरा सिंह व एएसआइ सुनील सिंह के विरुद्ध झारखंड हाई कोर्ट व राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में मामला लंबित हैं।

यह मामला चतरा के युवक विकास सिन्हा से 10 जनवरी 2023 को बर्बरता से मारपीट का है, जिन्हें बिना किसी गुनाह के बर्बरता से पीटा गया था।

मामला तूल पकड़ने पर हटिया के पूर्व डीएसपी ने पूरे मामले की जांच कर हाई कोर्ट में शपथ पत्र देकर यह जानकारी दी थी कि दोनों ही पदाधिकारी अनुशासनहीन हैं। उनके इस कृत्य से पुलिस विभाग की छवि धूमिल हुई है। जांच में दोनों पदाधिकारी दोषी मिले थे।

इसके बाद तत्कालीन एसएसपी ने डीएसपी की जांच रिपोर्ट पर दोनों ही पदाधिकारियों ने जवाब तलब किया था। उनके जवाब से एसएसपी भी संतुष्ट नहीं हुए थे।

इसके बाद दोनों पर विभागीय कार्यवाही के लिए तत्कालीन डीएसपी सदर प्रभात रंजन बरवार को संचालन पदाधिकारी बनाया था। विभागीय कार्यवाही एक साल बाद भी लंबित है।

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