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आजसू का CM हेमंत सोरेन पर हमला, कहा- झारखंड में 4 साल से चल रही 'वसूली सरकार'

Jharkhand News पूर्व उपमुख्यमंत्री सह आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा कि हेमंत सरकार जनता से दूर है अगले वर्ष सत्ता से भी दूर हो जाएगी। कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर होते हुए सुदेश ने कहा कि सरकार के कार्यकाल में आपराधिक घटनाओं का रिकॉर्ड बना। उन्होंने कहा कि इनके कार्यकाल में आठ लाख युवा यहां से पलायन कर गए।

By Jagran News Edited By: Aysha SheikhUpdated: Fri, 29 Dec 2023 01:50 PM (IST)
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आजसू का CM हेमंत सोरेन पर हमला, कहा- झारखंड में 4 साल से चल रही 'वसूली सरकार'

राज्य ब्यूरो, रांची। पूर्व उपमुख्यमंत्री सह आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश कुमार महतो ने कहा है कि हेमंत सरकार के चार वर्षों के कार्यकाल में न तो नियोजन और न ही नीति पर कोई काम हुआ। न ही सरकार की कोई अच्छी नीयत ही रही।

सुदेश ने शुक्रवार को हरमू स्थित पार्टी कार्यालय में हेमंत सरकार के चार वर्षों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए इस सरकार की नाकामियों को गिनाया। कहा कि यह सरकार उसूल की नहीं वसूली की सरकार रही है।

इसने सरकारी पदों के लिए "पे फार पोस्ट" की अवधारणा खींचने का काम किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि कोई भी सरकारी कामकाज बिना पैसे के नहीं होता। सुदेश ने कहा कि नियोजन नीति लागू करने में नाकाम रही इस सरकार की यही उपलब्धियां है कि सात लाख लोग सरकारी आंकड़ों में ही बेरोजगार हैं।

चार वर्षो से पारा शिक्षक सड़कों पर: सुदेश

आठ लाख युवा यहां से पलायन कर गए। चार वर्षो से पारा शिक्षक सड़कों पर हैं। उन्होंने कहा कि अपने हर वादे पर यह सरकार फेल रही है। इस विश्वासघात का परिणाम अगले वर्ष विदाई वर्ष के रूप में होगा।

उन्होंने कहा कि यह सरकार बच्चों को साइकिल देने की अपनी उपलब्धि मान रही है जबकि तीन वर्ष से यहां बच्चों के बीच साइकिल का वितरण ही नहीं हुआ क्योंकि इसकी खरीदारी नहीं हो सकी।

'सरकार जनता से दूर, अगले वर्ष सत्ता से भी दूर हो जाएगी'

1932 के खतियान की दुहाई देने वाली सरकार रोजगार के दावे में भी फेल रही। उन्होंने कहा कि यह सरकार जनता से दूर है बल्कि अगले वर्ष सत्ता से भी दूर हो जाएगी। कानून व्यवस्था को लेकर हमलावर होते हुए सुदेश ने कहा कि सरकार के कार्यकाल में आपराधिक घटनाओं का रिकॉर्ड बना।

सबसे अधिक अपराध होने की श्रेणी में झारखंड टॉप फाइव राज्यों में शामिल हो गया है। उन्होंने शिक्षा की बदहाली का जिक्र करते हुए कहा कि सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के 90 हजार पद रिक्त हैं।

उच्च शिक्षा संस्थानों की स्थिति बदतर है। रैंकिंग में झारखंड का संस्थान कहीं भी नहीं ठहरता। ऐसे में कहा जा सकता है कि इस सरकार में युवा झारखंड के बढ़ते कदम नहीं भटकते कदम हैं।

उन्होंने रिम्स की बदहाली पर भी कहा कि वहां कॉरिडोर में खड़ा होने से वहां का वातावरण पता चल जाता है। बिना पैरवी इलाज मुश्किल है। यह स्थिति रिम्स की है तो जिला, अनुमंडल अस्पतालों का अनुमान लगाया जा सकता है।

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