Move to Jagran APP

आलमगीर को लेकर ED का एक और चौंकाने वाला खुलासा, 92 करोड़ के 25 टेंडर में मंत्री को कमीशन में मिले 1.23 करोड़

Alamgir Alam कांग्रेस नेता एवं झारखंड के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम को धन शोधन मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीते बुधवार को गिरफ्तार कर लिया। हाल ही में हुए एक नए खुलासे में यह पता चला है कि जनवरी में 92 करोड़ के 25 टेंडर में सिर्फ मंत्री आलमगीर आलम को 1.23 करोड़ रुपये कमीशन में मिले थे।

By Dilip Kumar Edited By: Arijita Sen Updated: Wed, 22 May 2024 08:26 AM (IST)
Hero Image
जनवरी में 92 करोड़ के 25 टेंडर में मंत्री आलमगीर आलम को कमीशन में मिले
राज्य ब्यूरो, रांची। Alamgir Alam : टेंडर कमीशन घोटाले में मनी लाॅन्‍ड्रिंग के तहत जांच कर रही ईडी ने 14 दिनों की रिमांड पर पूछताछ के बाद मंगलवार को मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल व संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम को रांची स्थित पीएमएलए कोर्ट में प्रस्तुत किया। यहां से कोर्ट के आदेश पर दोनों को न्यायिक हिरासत में रांची के होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में भेज दिया गया है।

टेंडर कमीशन घोटाले में एक पूरा एक गिरोह सक्रिय

ईडी ने कोर्ट को बताया है कि ग्रामीण विकास विभाग में टेंडर कमीशन घोटाले में इंजीनियर, अधिकारी व मंत्री का एक संगठित गिरोह सक्रिय था।

ईडी ने नमूने के तौर पर जनवरी महीने में पारित 92 करोड़ के 25 टेंडर के ब्यौरे से संबंधित एक पेपर भी कोर्ट में जमा किया है, जिसमें यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मंत्री आलमगीर आलम ने उक्त सभी 25 टेंडर में कमीशन के रूप में 1.23 करोड़ रुपये लिया था।

इसी पेपर में किसी उमेश नाम के व्यक्ति को 1.75 करोड़ एवं ऑफिस के लिए 3.46 करोड़ रुपये भुगतान होने का जिक्र है।

ईडी की छापामारी में बरामद हुए थे करोड़ों

छह, सात व आठ मई को ईडी की छापामारी में करीब 37.5 करोड़ रुपये जब्त हुए थे। इनमें 32.20 करोड़ रुपये जहांगीर आलम के हरमू रोड स्थित सर सैय्यद अपार्टमेंट से बरामद हुए थे। ये रुपये मंत्री आलमगीर आलम के थे।

जहांगीर आलम संजीव लाल का नौकर है। संजीव लाल के निर्देश पर ही वह रुपये वसूलता था। उस फ्लैट से बहुत से दस्तावेज भी बरामद हुए थे। उनमें कुछ कागजात टेंडर कमीशन से संबंधित भी थे।

मंत्री के लिए एम व आनरेबल मिनिस्टर के लिए एच था कोड वर्ड

अनुसंधान के दौरान यह तथ्य भी सामने आया कि रुपयों का हिसाब रखने के लिए संजीव लाल रिकाॅर्ड रखते थे। इसमें मंत्री के लिए एम व ऑनरेबल मिनिस्टर के लिए एच शब्द का कोड वर्ड में इस्तेमाल करते थे।

इसमें कुछ कागजात ईडी ने नमूने के तौर पर कोर्ट में प्रस्तुत भी किया है। इस वर्ष जनवरी महीने में पास हुए 25 टेंडर में मंत्री आलमगीर आलम को कमीशन में मिले थे एक करोड़ 23 लाख रुपये।

ये भी पढ़ें: 

अब RIMS में आयुष्मान कार्ड वाले मरीजों को इलाज के लिए नहीं देना होगा पैसा, योजना के तहत मिलेगी हर सुविधा

झारखंड मंत्रालय में पत्रकारों और आम लोगों की एंट्री बंद, ED की छापामारी के बाद उठाया गया ये कदम

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।