Gangster Aman Sahu: 25 साल के गैंगस्टर अमन साहू को ATS ने बताई औकात.. ताबड़तोड़ छापेमारी से दुबके गुंडे-मवाली
Gangster Aman Sahu झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू गिरोह से जुड़े आठ जिलों के 81 ठिकानों पर एटीएस की छापेमारी से राज्यभर में सनसनी मच गई है। रांची रामगढ़ हजारीबाग चतरा पलामू धनबाद गढ़वा व बोकारो में आज दिनभर गहमागहमी रही।
By Alok ShahiEdited By: Updated: Sun, 23 Oct 2022 04:47 AM (IST)
रांची, जेएनएन। Gangster Aman Sahu झारखंड में संगठित आपराधिक गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए आतंकवाद निरोधक दस्ते, झारखंड एटीएस ने शनिवार को राज्य के आठ जिलों में 81 ठिकानों पर छापेमारी की और इस दौरान अमन साहू गिरोह की गतिविधियों के बारे में दस्ते को विस्तृत जानकारी भी मिली। इन जानकारियों पर आगे भी सख्त कार्रवाई किए जाने की पूरी संभावना है। ऐसी कार्रवाइयों से ही राज्य में अमन-चैन स्थापित किया जा सकेगा।
रांची, रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, पलामू, धनबाद, गढ़वा व बोकारो जिले में कुख्यात अमन साहू के गुर्गों, शूटरों, समर्थकों व अन्य सहयोगी सक्रिय अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हुई है। पुलिस को गिरोह से संबंधित चल-अचल संपत्तियों का ब्योरा, जमीन के कागजात, बैंक खातों से संबंधित कागजात, वाहनों से संबंधित दस्तावेज आदि कई प्रकार की जानकारियां मिली हैं।झारखंड एटीएस को पिछले कुछ दिनों से यह जानकारी मिल रही थी कि अमन साहू गिरोह उपरोक्त जिलों में व्यवसायियों व आमजनों में भय व आतंक का माहौल तैयार कर रहा है। ऐसे में इस कार्रवाई से क्षेत्र में अमन बहाल करने के प्रयासों को मजबूती मिली है। एटीएस की यह कार्रवाई राज्य सरकार के स्तर से प्राप्त उन शक्तियों की बदौलत हुई है जिसके तहत टीम को संगठित अपराध के विरुद्ध कार्रवाई के लिए तमाम शक्तियां प्रदत्त की गईं हैं।
पुलिस मुख्यालय ने राज्य में संगठित आपराधिक गिरोहों के विरुद्ध ठोस कार्रवाई करने के निर्देश तो दिए ही थे, साथ ही इन गिरोहों के आर्थिक स्रोतों, हवाला चैनल व इनके माध्यम से अर्जित संपत्ति का पता लगाने का जिम्मा भी दिया गया था। अमन साहू गिरोह का संबंध कुख्यात अपराधी सुजीत सिन्हा गिरोह के अलावा पीएलएफआइ व टीएसपीसी उग्रवादी संगठनों से भी है। ऐसे में कोई भी बड़ी कार्रवाई को यह गिराेह कभी भी अंजाम दे सकता है।
कोयला कारोबारियों, ठेकेदारों को लेवी के लिए धमकी देने की कई सूचनाएं पुलिस तक पहुंचती रही हैं। ऐसी कार्रवाइयों से ना सिर्फ अपराधियों का मनोबल कमजोर होता है बल्कि आम लोगों का पुलिस व्यवस्था के प्रति विश्वास प्रगाढ़ होता है। लोग विभिन्न प्रकार की सूचनाएं भी पुलिस के साथ साझा करते हैं ताकि अपराधियों पर नकेल कसा जा सके। सख्त कार्रवाइयों से पुलिस के छवि भी बेहतर होती है। ऐसे में इस तरह की कार्रवाइयां लगातार चलनी चाहिए।
आइटीएस में 2018 बैच के 48 दारोगा ने लिया दस दिनों का विशेष प्रशिक्षण अनुसंधान प्रशिक्षण विद्यालय (आइटीएस) में चल रहे दस दिवसीय उन्नत अनुसंधान प्रशिक्षण कार्यक्रम का शनिवार को समापन हो गया। इन दस दिनों के दौरान वर्ष 2018 बैच के 48 दारोगा ने उन्नत अनुसंधान के तकनीक की जानकारी ली। मौके पर मौजूद डीजीपी नीरज सिन्हा ने आइटीएस के नवनिर्मित डेमोंस्ट्रेशन हाल का उद्घाटन किया।
डीजीपी नीरज सिन्हा व डीजी प्रशिक्षण अनुराग गुप्ता ने मौके पर विभिन्न अपराधों के अनुसंधान के लिए एसओपी पर आधारित पुस्तक रेडी रेफरेंस का विमोचन किया और प्रशिक्षकों को सम्मानित भी किया। इस मौके पर आइजी प्रशिक्षण प्रिया दुबे, आइजी सीआइडी असीम विक्रांत मिंज, आइजी दक्षिणी छोटानागपुर प्रक्षेत्र पंकज कंबोज, डीआइजी दक्षिणी छोटानागपुर क्षेत्र अनीश गुप्ता, एसएसपी किशोर कौशल, कमांडेंट जैप-10 धनंजय कुमार सिंह आदि मौजूद थे।
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