Move to Jagran APP

Jharkhand News: गिरिडीह में अमन साहू के गुर्गे ने जेल अधीक्षक को दी धमकी, कहा- बॉस से मिलकर हाल बताइए

गिरिडीह में अमन साहू के गुर्गों ने जेल अधीक्षक को ही जान से मारने की धमकी दे डाली है। इस मामले को लेकर जेल अधीक्षक ने एसपी और जेल आईजी को पत्र लिखा है। इसके साथ उन्होंने सुरक्षा की गुहार भी लगाई है। बताया जा रहा है कि गिरिडीह में अमन साहू की शिफ्टिंग के बाद गिरोह फिर एक्टिव हो गया है।

By Jagran News Edited By: Mukul Kumar Updated: Tue, 02 Jul 2024 08:38 AM (IST)
Hero Image
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर
जागरण संवाददाता, गिरिडीह। गिरिडीह जेल में बंद गैंगस्टर अमन साहू गिरोह के अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा ने गिरिडीह केंद्रीय कारा की अधीक्षक हिमानी प्रिया और जेलर सुबोध पांडेय को फोन पर धमकी दी है।

कारा अधीक्षक को वाट्सएप पर मैसेज कर मयंक सिंह ने लिखा है कि जाइए बॉस से जाकर मिलिए और हमें खबर करें कि क्या हाल-समाचार है बॉस का। उसने फोन कर यह भी कहा कि पुराने सुपरिटेंडेंट के साथ जो तरीका अपनाना पड़ा, हम नहीं चाहते कि वह कभी किसी और के साथ अपनाएं।

अंतरराष्ट्रीय नंबर से उसने कारा अधीक्षक को कई बार फोन व मैसेज किया। इससे पहले शिफ्टिंग के समय अमन ने जेल अधीक्षक को अपना और अपने स्वजन का ध्यान रखने की धमकी दी थी।

गिरिडीह केंद्रीय कारा की अधीक्षक ने एसपी दीपक कुमार शर्मा और जेल आईजी सुदर्शन मंडल को पत्र लिखकर मामले की जानकारी दी है। जेल अधीक्षक और जेलर के अनुसार गिरोह के लोग अपराधियों को जेल में मनचाही सुविधाएं दिलाने के लिए धमकी देते हैं।

पिछली बार जब अमन गिरिडीह जेल में बंद था, तब भी जेल अधीक्षक को इस तरह की धमकी दी गई थी। तब तत्कालीन प्रभारी जेल अधीक्षक अनिमेष चौधरी से दो करोड़ की रंगदारी भी मांगी गई थी और उनकी गाड़ी पर गोलियां भी चलाई गई थी। मयंक सिंह राजस्थान का रहने वाला है और अभी फरार है।

बताया जाता है कि मयंक सिंह ही अमन साहू और लारेंस बिश्नोई गैंग के बीच की कड़ी है। अमन साहू को अभी हाल ही में पलामू से गिरिडीह जेल शिफ्ट किया गया है।

वह झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर आशंका जता चुका है कि बार-बार एक जेल से दूसरे जेल में स्थानांतरण कर उसकी हत्या की साजिश रची जा रही है।

2022 में गिरिडीह जेल में रहने के दौरान चलवाई थी गोली

गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने 20 जून को मेदिनीनगर कारा से अमन साहू को गिरिडीह जेल शिफ्ट किया। इससे पहले अप्रैल 2022 में अमन साहू को गिरिडीह जेल लाया गया था। यहां आने के बाद 20 जुलाई 2022 को उसने तत्कालीन जेल अधीक्षक अनिमेश चौधरी के वाहन पर गोली चलवाई थी।

उस समय वाहन में जेलर प्रमोद कुमार सवार थे, जो हमले में बाल-बाल बच गए। इस मामले में आशीष कुमार साह और मंजेश मंडल को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। घटना में अमन साहू की संलिप्तता उजागर हुई थी। हालांकि, गोली चलानेवाले दोनों लोगों को पकड़कर पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया था।

अमन को पुलिस ने आरोपित तक नहीं बनाया। गोलीबारी के दूसरे दिन ही उसे सिमडेगा जेल भेज दिया गया था। बाद में सिमडेगा से अमन साहू को मेदिनीनगर जेल भेजा गया था। तब उसने तत्कालीन जेल अधीक्षक जितेंद्र कुमार को फोन कर जान से मारने की धमकी दी थी।

दुमका जेल में रहने के दौरान गिरिडीह निवासी एक व्यक्ति के पते पर फर्जी तरीके से सिम कार्ड हासिल कर अमन साहू मोबाइल का भी इस्तेमाल लोगों को डराने-धमकाने और रंगदारी वसूलने के लिए कर रहा था। सीआइडी और एटीएस की टीम ने इसका खुलासा किया था।

गौरतलब है कि जेल में रहने के दौरान मोबाइल फोन उपलब्ध कराने और कई तरह की छूट की मांग को लेकर अमन साहू जेल प्रबंधन पर दबाव बनाता रहा है। गिरिडीह में 2022 में इन्हीं मांगों को पूरा नहीं करने की वजह से गोलीचालन की घटना की घटना को अंजाम दिया गया। अब एक बार फिर अमन साहू ने यहां जेल अधीक्षक को धमकाया है।

फरार है मयंक सिंह, एटीएस को भी तलाश

कारा अधीक्षक को धमकी देनेवाला मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा मूलरूप से राजस्थान का रहने वाला बताया गया। फिलहाल अमन गिरोह गैंग में वही दहशत का कारोबार संभालता है। पहले भी वह इंटरनेट मीडिया और इंटरनेट काल के जरिए लोगों को धमकी देता रहा है।

अमन साहू और मयंक सिंह के खिलाफ राज्य के विभिन्न थानों में लगभग 170 मामले दर्ज हैं। अप्रैल महीने में झारखंड एटीएस की टीम मयंक सिंह की तलाश में राजस्थान के अनूपगढ़ जिले में स्थित घड़साना गांव पहुंची थी। इस दौरान टीम ने उसके घर पर फरारी का इश्तेहार चिपकाया था।

यह भी पढ़ें-

New Criminal laws : दफा 302 के तहत... भूल जाइए ये डायलॉग, अब सजा सुनाते वक्त क्या कहेंगे जज साहब?

झारखंड में कांग्रेस की बैठक में जोरदार हंगामा, आपस में भिड़े दो गुट में बंटे कार्यकर्ता; जमकर चली कुर्सियां

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।