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Cyber ​​Fraud: रांची की NRI महिला से 29.94 लाख की साइबर ठगी, पुलिस ने ठग को दिल्ली से किया गिरफ्तार; ऐसे दिया था फ्रॉड को अंजाम

झारखंड सीआईडी के अधीन संचालित साइबर पुलिस ने रांची की एनआरआई महिला से 29 लाख 94 हजार की साइबर ठगी में एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपित रवि शंकर द्विवेदी नई दिल्ली के छावला का रहने वाला है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठगी के रुपयों में से 9 लाख 36 हजार रुपये फ्रीज करवा दिया है।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 30 May 2024 09:04 PM (IST)
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रांची के डोरंडा की रहने वाली है पीड़िता, लंदन में रहती है, पुलिस ने 9.36 लाख कराया फ्रीज। (सांकेतिक फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। सीआईडी के अधीन संचालित साइबर अपराध थाने की पुलिस ने रांची के डोरंडा की रहने वाली एनआरआई महिला से 29 लाख 94 हजार की साइबर ठगी में एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है।

गिरफ्तार आरोपित रवि शंकर द्विवेदी उर्फ राजू है, जो नई दिल्ली के छावला थाना क्षेत्र के श्याम विहार, फेज नंबर एक के ई. एक्सटेंशन ब्लॉक का रहने वाला है।

पुलिस ने उसके पास से कांड में प्रयुक्त एक सिमकार्ड, कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग के क्रेडेंशियल्स के आदान-प्रदान व साइबर ठगी से संबंधित वॉट्सऐप चैट बरामद किया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ठगी के रुपयों में से नौ लाख 36 हजार रुपये फ्रीज करवा दिया है।

अनुसंधान के क्रम में इंडियन साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन सेंटर गृह मंत्रालय भारत सरकार व दिल्ली पुलिस के सहयोग से एक साइबर अपराधी गिरफ्तार किया गया।

उसकी निशानदेही पर समान कार्यप्रणाली के अपराध को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल किए गए सात अलग-अलग बैंक खातों के कॉरपोरेट इंटरनेट बैंकिंग क्रेडेंशियल सहित कई आपत्तिजनक सबूत, वॉट्सऐप चैट से जब्त किए गए हैं।

गिरफ्तार आरोपितों के स्वीकारोक्ति बयान व अनुसंधान में पता चला कि चीन में आपरेट करने वाले एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराधियों के गिरोह के लिए काम करने वाले भारत में साइबर अपराधी सक्रिय हैं। ये अलग-अलग बैंकों के कारपोरेट इंटरनेट बैंकिंग खाता खोलकर इस प्रकार के इंवेस्टमेंट स्कैम करवाते हैं।

नौ मार्च को पीड़िता ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी

साइबर अपराध थाने में पीड़िता ने नौ मार्च 2024 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसने बताया था कि वह लंदन में रहती है और कुछ दिनों के लिए रांची आई थी।

पीड़िता के अनुसार, साइबर अपराधियों ने उससे वॉट्सऐप के माध्यम से संपर्क किया, जिसमें इंस्टाग्राम पर वीडियो लाइक कर स्क्रीन शाट भेजने का पार्ट टाइम जॉब ऑफर किया गया। इन्हें हर टास्क के पैसे दिए जाते थे। कुछ के पैसे देकर अपराधियों ने इन्हें विश्वास में लिया।

इसके बाद इन्हें टेलीग्राम के माध्यम से संपर्क कर टास्क एवं हायर रेटिंग के लिए संपर्क किया गया। उक्त टेलीग्राम प्रोफाइल के माध्यम से दिए गए टास्क को करने के लिए इन्हें विभिन्न बैंक खाताओं में पैसे डालने के लिए बोला गया।

इसके बाद इन्हें एक वेबसाइट पर अकाउंट बनाने के लिए बोला गया, जहां इनके माध्यम से किए गए निवेश का मुनाफा दिखाई देगा। लेकिन उस मुनाफे को वह कभी ले नहीं पाईं। इस तरह उनसे 29 लाख 94 हजार 50 रुपये की साइबर ठगी कर ली गई।

इन जगहों पर मिला कांड में प्रयुक्त वेबसाइट का आईपी एड्रेस

साइबर अपराध पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पूरे मामले का अनुसंधान की तो जिस वेबसाइट पर पीड़िता से अकाउंट बनवाया गया था, उसका आईपी एड्रेस एम्सटर्डम, नीदरलैंड, सिंगापुर, चीन, टोकयो जापान का पाया गया।

फाइनेंसियल ट्रेल विश्लेषण में फर्जी कंपनी के नाम से पंजीकृत बैंक खाता दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश आदि के बैंक खाते पाए गए। इसमें करोड़ों रुपये के ट्रांजेक्शन किए गए थे।

जांच में इन बैंक खाताओं से हुए ट्रांजेक्शन के आइपी के यूजर का मूल स्थान हांगकांग व चीन में पाया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए कांड में सभी बैंक खाताओं में कुल नौ लाख 36 हजार रुपये मात्र को फ्रीज करवा दिया।

कांड में शामिल खाते में एक दिन में 2.46 करोड़ के 698 ट्रांजेक्शन

पुलिस ने छानबीन में पाया कि इस अपराध में शामिल एक साईं ट्रेडिंग कंपनी के नाम पर बने इंडसइंड बैंक खाता में सिर्फ एक दिन में 698 ट्रांजेक्शन के माध्यम से कुल दो करोड़ 46 लाख 35 हजार 477 रुपये का फर्जी ट्रांजेक्शन हुआ है। इस खाते के विरुद्ध नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल ने जो विवरणी जुटाया, उसके अनुसार महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, असम, आंध्र प्रदेश आदि राज्यों में कुल 78 शिकायतें दर्ज हैं।

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