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झारखंड में प्राइवेट स्कूल की मनमानी, फीस नहीं भरने पर परीक्षा देने पर लगाई रोक

लाकडाउन अवधि में नन्हें बच्चों को आनलाइन शिक्षा दी गई। लेकिन जब बच्चों की परीक्षा देने की बारी आई तो कई बच्चें सिर्फ इसलिए परीक्षा से वंचित कर दिए गए क्योंकि उनके अभिभावकों द्वारा बच्चों का फीस जमा नहीं कराया गया है।

By Madhukar KumarEdited By: Updated: Fri, 25 Feb 2022 05:53 PM (IST)
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सरकारी प्रावधान के अनुसार किसी भी फीस नहीं देने के कारण बच्चों को परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता।
गुमला, जासं। शहर के नामचीन विद्यालय नोट्रेडम द्वारा सरकार के नियमों का न केवल अवहेलना किया जा रहा है बल्कि नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी किया जा रहा है। लाकडाउन अवधि में नन्हें बच्चों को आनलाइन शिक्षा दी गई। लेकिन जब बच्चों की परीक्षा देने की बारी आई तो कई बच्चें सिर्फ इसलिए परीक्षा से वंचित कर दिए गए, क्योंकि उनके अभिभावकों द्वारा बच्चों का फीस जमा नहीं कराया गया है। मोबाइल के उस ग्रुप जिस ग्रुप में बच्चों को आनलाइन पढ़ाया जाता है उससे रिमूव कर दिया गया। इसे लेकर अभिभावकों में काफी नाराजगी देखी जा रही है।

फीस नहीं देने के कारण परीक्षा नहीं दे पाए बच्चे

सरकारी प्रावधान के अनुसार किसी भी फीस नहीं देने के कारण बच्चों को परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता है। लेकिन इस विद्यालय में सरकारी नियम कायदे हासिए पर रहते हैं और विद्यालय के अपने नियम कायदे बच्चों और अभिभावक पर हावी रहता है। जनवरी माह में ही सभी विद्यालय की कक्षाएं केवल आनलाइन संचालित थी तब इस विद्यालय में पत्र जारी कर बच्चों को टीकाकरण के बहाने उचें क्लास के बच्चों का क्लास भी लिया जाने लगा था। शिकायत होने पर और जिला प्रशासन के द्वारा हस्तक्षेप करने पर तत्काल सभी आदेश को निरस्त कर पूर्व की तरह यथाावत कक्षाएं चलाया जाने लगा था।

स्कूल प्रबंधन की कार्रवाई से अभिभावकों में गुस्सा

विद्यालय प्रबंधन के इस कार्रवाई से जहां अभिभावक सकते में हैं। वहीं बच्चों के भविष्य को लेकर खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे हैं। इधर इस संबंध में विद्यालय की प्राचार्या से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका। क्या कहते हैं अधिकारी फीस जमा नहीं करने के कारण बच्चों को परीक्षा से वंचित करना गलत है। यदि ऐसा किया गया है तो अभिभावक लिखित शिकायत करें। प्रावधान के अनुसार विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। किसी भी कीमत में विद्यालय प्रबंधन की मनमानी नहीं चलेगी। सरकारी नियमों का अनुपालन करना अनिवार्य है। सुरेंद्र पांडेय जिला शिक्षा अधीक्षक सह जिला शिक्षा पदाधिकारी गुमला

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