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बैद्यनाथ धाम मंदिर का पौराणिक महत्व आएगा सामने, पुरातत्व विभाग करेगा सर्वेक्षण Ranchi News

Jharkhand. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम मंदिर का पुरातत्‍व विभाग सर्वेक्षण करेगा। इससे इसके गर्भ में छुपा पौराणिक महत्व जल्द ही सबके सामने आ पाएगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Thu, 04 Jul 2019 02:45 PM (IST)
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बैद्यनाथ धाम मंदिर का पौराणिक महत्व आएगा सामने, पुरातत्व विभाग करेगा सर्वेक्षण Ranchi News
रांची, [नीलमणि चौधरी]। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक देवघर स्थित बैद्यनाथ धाम मंदिर के गर्भ में छुपा पौराणिक महत्व जल्द ही सबके सामने आएगा। पुरातत्व विभाग की उच्चस्तरीय विशेषज्ञ कमेटी मंदिर के बहुमूल्य पुरातात्विक साक्ष्यों का सर्वेक्षण करेगी। सर्वेक्षण के बाद संरक्षण एवं संवर्धन को लेकर देवघर उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

इस काम के लिए पुरातत्व विभाग की तीन सदस्यीय कमेटी 11 जुलाई को बाबा बैद्यनाथ धाम मंदिर पहुंचेगी। सावन शुरू होने से पहले कमेटी सर्वेक्षण का कार्य पूरा कर लेगी। तीन सदस्यीय कमेटी में भारतीय पुरातत्व विभाग के क्षेत्रीय निदेशक (पूर्व) नंदनी भट्टाचार्य, भूतपूर्व उप अधीक्षण पुरातत्वविद् तपन कुमार भट्टाचार्य और रांची मंडल के उप अधीक्षण हरिओम शरण शामिल हैं। टीम का नेतृत्व नंदिनी भट्टाचार्य करेंगी।

साक्ष्य जुटाने के लिए पुरातत्व डीजी को लिखा गया था पत्र

बाबा बैद्यनाथ धाम के प्रति करोड़ों लोगों की आस्था और इसके पौराणिक महत्व को देखते हुए देवघर उपायुक्त ने बीते 30 मई 2019 को पुरातत्व विभाग की महानिदेशक उषा शर्मा को पत्र लिखकर मंदिर के साक्ष्यों के सर्वेक्षण, संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अध्ययन एवं सुझाव के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी भेजने को कहा था। कमेटी की मदद से मंदिर की प्राचीनता, पौराणिकता एवं पाए गए बहुमूल्य साक्ष्यों का सटीक आकलन किया जा सके।

इसके साथ ही, इन धरोहरों का कैसे संरक्षण हो इसकी रिपोर्ट भी बनाने को कहा था। उपायुक्त का पत्र मिलने के बाद भारतीय पुरातत्व विभाग के महानिदेशक के आदेश से तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई। 24 जून को महानिदेशक कार्यालय द्वारा इससे संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया गया। विशेषज्ञ कमेटी साक्ष्य एकत्र कर पुरातत्व विभाग के मुख्यालय भेजेंगे और वहां से यह रिपोर्ट देवघर उपायुक्त के पास भेजी जाएगी।

गुफा की भी खोज करेगी सर्वेक्षण कमेटी

बैद्यनाथ धाम मंदिर के बारे में कई तरह की बातें सुनने को मिलती हैं। जितने लोग उतनी कहानी का पता चलता है। मंदिर निर्माण की स्पष्ट तिथि अज्ञात है। साथ ही, देवघर में मंदिर के आसपास एक गुफा की भी चर्चा होती है। विशेषज्ञ कमेटी मंदिर निर्माण से जुड़ी तमाम जानकारियां तो इकट्ठा करेंगे ही गुफा का भी पता लगाएंगे।

कामना लिंग के रूप में प्रसिद्ध है बाबा बाबा मंदिर

बैद्यनाथ धाम का कामना लिंग द्वादश च्योतिर्लिगों में सर्वाधिक महिमामंडित कहा जाता है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके शीर्ष पर त्रिशूल नहीं, पंचशूल है, जिसे सुरक्षा कवच माना गया है। माना जाता है कि पंचशूल के दर्शन मात्र से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।

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