अयोध्या में राम मंदिर के वास्तुकार झारखंड में बनाएंगे अनूठा शिव धाम... स्वास्तिक आकार के 108 मंदिरों का होगा निर्माण
Unique Shiv Dham In Jharkhand झारखंड के लिए यह गर्व की बात है कि यहां दुमका में भगवान शंकर के स्वास्तिक आकार के 108 मंदिरों का निर्माण होगा। इन मंदिरों के निर्माण में बालू-सीमेंट का उपयोग नहीं होगा। अयोध्या में राम मंदिर के वास्तुकार इस मंदिर का निर्माण करेंगे।
By M EkhlaqueEdited By: Updated: Sun, 24 Apr 2022 06:24 PM (IST)
दुमका, (राजीव)। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण करा रहे वास्तुकार आशीष सोमपुरा की देखरेख में झारखंड के दुमका जिले के रानीश्वर प्रखंड के बांसकुली गांव में शिव का धाम बनाया जाएगा। खास बात यह है कि मयूराक्षी नदी के तट पर बनने वाला शिव धाम 108 शिव मंदिरों का समूह होगा। ये सभी मंदिर स्वास्तिक के आकार के होंगे। आशीष सोमपुरा बांसकुली आकर निर्माण स्थल का निरीक्षण कर चुके हैं। धाम का नक्शा भी तैयार हो चुका है। मंदिर निर्माण में मकराना के सफेद पत्थरों का उपयोग होगा। निर्माण भी खास तरह का है। मंदिर बनाने में बालू और सीमेंट का उपयोग नहीं होगा। इसकी जगह अन्य पारंपरिक चीजों तथा धातुओं का उपयोग होगा। श्री शिवालय सेवा संस्थान की ओर से यहां मंदिरों का निर्माण कराया जा रहा है।
संस्थान के अनुसार तीन एकड़ क्षेत्र में बनने वाला यह मंदिर कई मायने में खास होगा। भोले बाबा के मुख्य मंदिर के गुंबद की ऊंचाई 79 फीट होगी। शेष 107 शिव मंदिर 12 से 15 फीट ऊंचे होंगे। सबकी बनावट समान होगी। परिसर में राधा-कृष्ण और मां दुर्गा का भव्य मंदिर भी बनाया जाएगा। इन मंदिरों के गुंबद की ऊंचाई 52 फीट होगी। शिव धाम के मुख्य द्वार पर प्रथम पूज्य भगवान गणेश और रामभक्त हनुमान जी के मंदिर बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालु विघ्न विनाशक की पूजा और द्वारपाल हनुमान की अनुमति के बाद पूजा-अनुष्ठान का शुभारंभ विधि-विधान और परंपरा के साथ करें। इन दोनों मंदिरों के पास में ही नवग्रह मंदिर बनाया जाएगा। इसके अलावा परिसर में वृद्धाश्रम, गौशाला, अनाथ आश्रम, गुरुकुल तथा आयुर्वेद चिकित्सा केंद्र भी बनाए जाने की योजना है। शिवधाम का निर्माण दो से ढाई साल में पूरा कर लिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके निर्माण में 10 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान लगाया गया है।
मलूटी की तरह बांसकुली भी होगा मंदिरों का गांव दुमका के ही शिकारीपाड़ा प्रखंड में मंदिरों का गांव मलूटी है। इस गांव का पुरातत्ववेत्ता भी अध्ययन कर चुके हैं। उनका अनुमान है कि 300 साल पहले यहां 108 मंदिरों का निर्माण कराया गया था। इसमें सर्वाधिक मंदिर भगवान शिव के हैं। अब भी मलूटी में 72 मंदिर बचे हुए हैं, जिनमें 58 शिव मंदिर हैं। बाकी मंदिर ढह चुके हैं अथवा ढह रहे हैं। इन मंदिरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। मलूटी की तरह बांसकुली भी मंदिरों का गांव होगा, जहां धर्म-अध्यात्म और उपासना के साथ मानवता की सेवा भी की जाएगी।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा बांसकुली में शिव धाम बनने से पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। झारखंड के अलावा बंगाल से भी पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा। श्रावण महीने में बिहार के भागलपुर के सुल्तानगंज से उत्तर वाहिनी गंगा का जल लेकर श्रद्धालु देवघर और बासुकीनाथ के बाबा धाम में भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। बासुकीनाथ के बाद श्रद्धालु मलूटी होते हुए बंगाल में तारापीठ में पूजन करने जाते हैं। वहीं, बंगाल के श्रद्धालु तारापीठ, मलूटी होते हुए बासुकीनाथ और देवघर की यात्रा करते हैं। अब बांसकुली शिवधाम भी इस धार्मिक पर्यटन सर्किट में जुड़ जाएगा।
कौन हैं आशीष सोमपुरा आशीष सोमपुरा अयोध्या के राम मंदिर का निर्माण कर रहे प्रमुख वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के पुत्र हैं और उन्हीं के साथ राम मंदिर निर्माण कार्य में जुटे हैं। आशीष के दादा प्रभाकर सोमपुरा भी बड़े वास्तुकार थे। उन्होंने प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया था। चंद्रकांत सोमपुरा और आशीष सोमपुरा देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों का निर्माण कर चुके हैं।
बांसकुली के शिवधाम का स्थापत्य अदभुत होगा श्री शिवालय सेवा संस्थान के अध्यक्ष राजीव मोदी ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि देश के बेहतरीन वास्तुकार आशीष सोमपुरा के मार्गदर्शन में शिवधाम बनाया जाएगा। अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण उनकी देखरेख में हो रहा है। बांसकुली के शिवधाम का स्थापत्य अदभुत होगा। धाम के साथ और भी कई आयाम जोड़े गए हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।