Jharkhand: कोरोना संक्रमण के दौरान जड़ी-बूटी व काढ़ा जीवन को बचाने में रहे सफल, अब औषधीय पौधों के शोध व प्रशिक्षण को बढ़ावा देगी आरोग्य भारती
Jharkhand News कोरोना संक्रमण के दौरान फिर से सिद्ध हो गया जिस तरह से लोग जड़ी-बूटी व काढ़ा का सेवन कर अपने जीवन को बचाने में सफल रहे उससे अपनी प्राचीन पद्धति पर विश्वास फिर से बढ़ा है। अब आरोग्य भारती औषधीय पौधों के शोध व प्रशिक्षण को बढ़ावा देगी।
By Sanjay KumarEdited By: Updated: Mon, 21 Feb 2022 08:43 AM (IST)
रांची, जासं। Jharkhand News वर्षों पहले तक भारत में लोग रहन-सहन व खान-पान को ठीक रख कर 100 से लेकर 150 वर्षों तक जीवित रहते थे। 100 वर्ष पहले तक आधुनिक चिकित्सा पद्धति नहीं थी, फिर भी लोग आराम से जीवन जी रहे थे। छोटी-मोटी परेशानियों में वनौषधियों का सेवन कर ठीक होते थे। यह सब कोरोना संक्रमण के दौरान फिर से सिद्ध हो गया कि जिस तरह से लोग जड़ी-बूटी व काढ़ा का सेवन कर अपने जीवन को बचाने में सफल रहे उससे अपनी प्राचीन पद्धति पर विश्वास फिर से बढ़ा है।
आरोग्य भारती उस प्राचीन पद्धति को पूरे देश में फिर से स्थापित करने का काम करेगी। साथ ही औषधीय पौधों के शोध व प्रशिक्षण को बढ़ावा देगी। यह कहना है आरोग्य भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. राकेश पंडित का। वे नामकुम स्थित ओकविले एकेडमी परिसर में चल रहे दो दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह को रविवार को संबोधित कर रहे थे।
नाश्ते व भोजन का समय ठीक रखते हैं तो कई बीमारियों से बच सकते हैंउन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि अपने रहन-सहन को ठीक रखें। सुबह उठने के समय से लेकर नाश्ते व भोजन का समय ठीक रखते हैं तो कई बीमारियों से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना काल से अनुभव लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में औषधीय पौधों से संबंधित एक अंतरराष्ट्रीय केंद्र स्थापित करने की घोषणा की है। इस तरह औषधीय पौधों के महत्व को अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल रही है।
वहीं आरोग्य भारती के राष्ट्रीय संगठन सचिवडा. अशोक वार्ष्णेय ने कहा कि कार्य की दृष्टि से देश के 871 जिलों में से 750 जिलों में आरोग्य भारती का काम चल रहा है। बीमार होने से बचने के उपाय लोगों को बताने का काम संस्था के कार्यकर्ता करते हैं।हजारों वर्ष पुरानी स्वास्थ्य परंपरा से लोगों को अवगत करा रही आरोग्य भारती : संजय सेठ
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रांची के सांसद संजय सेठ ने कहा कि आरोग्य भारती भारत की हजारों वर्ष पुरानी स्वास्थ्य परंपरा से लोगों को अवगत करवा रही है। कोरोना में विश्व ने सोचा कि भारत में करोड़ो लोग मरेंगे, लेकिन औषधीय पौधों के काढ़े ने प्राणरक्षा की। यह देखकर विश्व हैरान रह गया। कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रांत संरक्षक प्रवीण प्रभाकर ने दिया।
वहीं धन्यवाद ज्ञापन प्रांत अध्यक्ष डा. रश्मि व संचालन आरती वर्मा ने किया। संगोष्ठी में रांची महानगर संघचालक पवन मंत्री, विजय घोष, प्रो संदीप कुमार, जय प्रकाश, डा. समर सिंह, अजय चट्टोराज, रमेश पुष्कर, डा. देवेंद्र नाथ तिवारी, विजय कुमार, कन्हैया कुमार, डा. राजीव, डा. विवेक शर्मा, डा. संजय सिंह, राजेश शर्मा, आशुतोष द्विवेदी सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।आरोग्य भारती का कार्य सराहनीय : अर्जुन मुंडा
मुख्य अतिथि के रूप में जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को उपस्थित रहना था, लेकिन व्यक्तिगत कारणों से वह जमशेदपुर से नहीं आ पाए। उन्होंने अपने वीडियो संदेश में कहा कि औषधीय पौधों पर और ज्यादा खोज एवं शोध की आवश्यकता है। आरोग्य भारती ने इस महत्वपूर्ण कार्य को हाथ मे लिया है और पारंपरिक ज्ञान से देश भर के लोगों को परिचित करवा रही है।
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