झारखंड HC की चेतावनी के बाद एक्शन में विधानसभा सचिवालय, कार्मिक विभाग से मांगी नियुक्ति घोटाले की जांच रिपोर्ट
झारखंड हाईकोर्ट ने नियुक्ति घोटाले की जांच रिपोर्ट विधानसभा से मांगी है। ऐसे में विधानसभा सचिवालय ने कार्मिक विभाग को पत्र भेजा है और आयोग की जांच रिपोर्ट भेजने की मांग की है। विधानसभा सचिवालय के पास जांच रिपोर्ट की कॉपी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट में पेश करने के लिए जांच रिपोर्ट का मूल प्रतिवेदन मांगा गया है। मामले में 12 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी।
By Pradeep singhEdited By: Shashank ShekharUpdated: Mon, 09 Oct 2023 10:37 PM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची। विधानसभा सचिवालय ने कार्मिक विभाग को पत्र भेजकर नियुक्ति घोटाले को लेकर गठित जस्टिस विक्रमादित्य आयोग की जांच रिपोर्ट भेजने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि हाईकोर्ट ने जांच रिपोर्ट अदालत में पेश करने की मांग की है।
विधानसभा सचिवालय ने जस्टिस एसजे मुखोपाध्याय समिति की मांग पर जांच रिपोर्ट का मूल प्रतिवेदन कार्मिक विभाग को भेज दिया है।
12 अक्टूबर को होगी मामले में सुनवाई
विधानसभा सचिवालय के पास जांच रिपोर्ट की कॉपी नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट में पेश करने के लिए जांच रिपोर्ट का मूल प्रतिवेदन मांगा गया है। इस मामले में 12 अक्टूबर को हाईकोर्ट में अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित है।उल्लेखनीय है कि जस्टिस विक्रमादित्य आयोग ने विधानसभा में बड़े पैमाने पर पूर्व में हुई नियुक्तियों पर गहरी आपत्ति जताई थी। आयोग ने जांच रिपोर्ट राजभवन को सौंपा था। इसमें नियमों की अनदेखी करते हुए नियुक्ति के आरोप है। अभी तक रिपोर्ट के आधार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
नियुक्ति घोटाले को लेकर आरोपों के घेरे में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी, आलमगीर आलम और शशांक शेखर भोक्ता हैं। आलमगीर आलम राज्य सरकार में मंत्री हैं।
प्रतिवेदन हाईकोर्ट में देने को स्पीकर तैयार
पूर्व मंत्री और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय के मुताबिक, विधानसभा अध्यक्ष हाईकोर्ट को जांच रिपोर्ट देने के पक्ष में है।इस संबंध में उनसे हुई बातचीत का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि हर हालत में नियत तिथि पर आयोग की जांच रिपोर्ट झारखंड हाईकोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने से विधानसभा की प्रतिष्ठा बढ़ेगी और अनावश्यक कयासों पर विराम लगेगा।
यह भी पढ़े: मानव तस्करी मामले पर झारखंड हाईकोर्ट गंभीर, जांच अधिकारी की कार्यशैली पर जताई नाराजगी; हटाने का दिया निर्देश
उन्होंने कहा कि यदि कार्मिक विभाग यह प्रतिवेदन सभा कार्यालय को नहीं सौंपता है तो वे इसे उपलब्ध करा सकते हैं ताकि इसे हाईकोर्ट में जमा कराया जा सके। ऐसा नहीं होने पर विधानसभा के सचिव न्यायालय की अवमानना के भागी बन सकते हैं।यह भी पढ़े: Jharkhand News: आचार संहिता उल्लंघन मामले में सीएम सोरेन की याचिका पर 17 अक्टूबर को अगली सुनवाई, 2014 का है मामला
यह भी पढ़े: JPSC परीक्षा मामले में HC सख्त, CBI से पूछा कब मिलेगी स्टेटस रिपोर्ट; एजेंसी ने मांगा दो हफ्ते का वक्त
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।