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झारखंड में दो अधिकारियों पर गिरी गाज, विभाग ने किया निलंबित; पढ़ें क्या है पूरा मामला

झारखंड में पूर्वी सिंहभूम के सहायक आयुक्त उत्पाद और निरीक्षक उत्पाद को उत्पाद विभाग ने निलंबित कर दिया है। पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर के उपायुक्त की अनुशंसा और राज्य निर्वाचन पदाधिकारी की अनुमति के बाद यह कार्रवाई की गई है। साथ ही दोनों के खिलाफ 60 दिनों में विभागीय कार्यवाही पूरा करने का निर्देश दिया गया है। एक अप्रैल को नकली शराब फैक्ट्री का खुलासा हुआ था।

By Dilip Kumar Edited By: Shashank Shekhar Updated: Tue, 14 May 2024 07:54 PM (IST)
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झारखंड में दो अधिकारियों पर गिरी गाज, विभाग ने किया निलंबित; पढ़ें क्या है पूरा मामला (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर के उपायुक्त की अनुशंसा व राज्य निर्वाचन पदाधिकारी की अनुमति के बाद उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग ने पूर्वी सिंहभूम के सहायक आयुक्त उत्पाद रामलीला रवानी व निरीक्षक उत्पाद कुमार सत्येंद्र को निलंबित कर दिया है।

दोनों के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही चलेगी, जिसे 60 दिनों के भीतर पूरा किया जाएगा। दोनों के विरुद्ध लापरवाही की पुष्टि के बाद यह कार्रवाई की गई है। पूरा मामला एक अप्रैल को घाटशिला क्षेत्र में जिला पुलिस-प्रशासन की छापेमारी से संबंधित है, जिसमें नकली शराब फैक्ट्री का खुलासा हुआ था।

क्या है पूरा मामला

दरअसल, एक अप्रैल को एसडीपीओ घाटशिला, अंचलाधिकारी धालभूमगढ़ व कार्यपालक दंडाधिकारी घाटशिला ने धालभूमगढ़ प्रखंड के अंतर्गत चारचाका गांव में छापेमारी की थी। इस छापेमारी में अजीत सिंह नामक व्यक्ति के माध्यम से किराए के मकान में संचालित किए जा रहे नकली शराब फैक्ट्री का खुलासा हुआ था।

छापेमारी में भारी संख्या में खाली बोतल, विभिन्न कंपनियों के लेबल, रेपर, झारखंड सरकार के लोगो, बार कोड लगा हुआ स्टीकर, आबकारी विभाग का लिखा हुआ कैपसील करने का स्टीकर, दो कार्टन बोतल, लगभग 14 बोतल स्पिरिट के अलावा चार लाख 61 हजार रुपये नकदी की बरामदगी हुई थी।

अधिकारियों ने उत्पाद विभाग को भी पूर्व में सूचना दी थी, लेकिन सहायक आयुक्त उत्पाद रामलीला रवानी व निरीक्षक उत्पाद कुमार सत्येंद्र काफी विलंब से उपस्थित हुए। छापेमारी में दोनों ही अधिकारियों ने कोई सहयोग नहीं किया।

डीसी को स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं कर पाए अधिकारी

छापेमारी में असहयोग को गंभीरता से लेते हुए पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त ने दोनों ही अधिकारियों से स्पष्टीकरण की मांग की। पांच अप्रैल को सहायक आयुक्त उत्पाद रामलीला रवानी व निरीक्षक उत्पाद कुमार सत्येंद्र ने स्पष्टीकरण समर्पित किया। दोनों ने खुद को निर्दोष साबित करने की कोशिश की।

उनके स्पष्टीकरण की समीक्षा हुई, जिसमें उनका स्पष्टीकरण स्वीकार नहीं किया गया। इस पूरे प्रकरण में उनकी भूमिका संदेहास्पद पाया गया और उसे सरकारी सेवक के आचार नियमावली के प्रतिकूल पाया गया। इसके बाद ही दोनों के विरुद्ध कार्रवाई हुई है।

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