Move to Jagran APP

झारखंड के 2500 सहायक पुलिसककर्मी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन पर अड़े

Jharkhand Hindi News Ranchi News Jharkhand Police News झारखंड के 12 नक्‍सल प्रभावित जिलों में कार्यरत 2500 पुलिसकर्मी रांची के मोरहाबादी मैदान में जुटे हैं। इन्‍होंने नारा दिया है कि जब तक समाधान नहीं तब तक प्रस्थान नहीं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Updated: Thu, 30 Sep 2021 04:52 PM (IST)
Hero Image
Jharkhand Hindi News, Ranchi News, Jharkhand Police News पुलिसकर्मी रांची के मोरहाबादी मैदान में जुटे हैं।
रांची, जासं। झारखंड के सहायक पुलिसकर्मी इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। 12 नक्सल प्रभावित जिलों में संविदा के आधार पर बहाल 2,500 सहायक पुलिसककर्मी अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। महिला पुलिसकर्मी बच्चों को गोद में लेकर डटी हुई है। इनका कहना है कि 10 हजार में घर चलाना मुश्किल है। सहायक पुलिसकर्मी की शादी टूट रही है और कई सहायक पुलिसकर्मियों की तो शादी भी तय नहीं हो रही है।

झारखंड के मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि‍ एक 5 सदस्यीय कमिटी बनाई गई थी और उसकी रिपोर्ट पर सरकार फैसला लेगी। सहायक पुलिसकर्मी का कहना है कि नक्सल के खिलाफ ऑपेरशन में शामिल होते हैं तो नक्सल प्रभावित क्षेत्र में उनके परिजनों को आए दिन नक्सली धमकाते हैं। साथ ही उन्‍हें तरह-तरह का प्रलोभन भी दिया जाता है।

राज्य के 12 अति नक्सल प्रभावित जिलों में संविदा के आधार बहाल सहायक पुलिसककर्मी अपनी मांगों को लेकर फिर से आंदोलन पर हैं। मांग नहीं पूरी होने से नाराज पुलिसकर्मी इस बार आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। पुलिस कर्मियों ने धमकी दी है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती तो मजबूरन वे अपने और अपनों के जान-माल और भरण-पोषण के लिए कुछ भी करने को मजबूर होंगे।

इधर, इस मुद्दे पर झारखंड सरकार में मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि कोई रास्ता निकालने की कोशिश की जाएगी। लेकिन हठपूर्वक सरकार पर दबाव बनाना गलत है। सरकार ने संविदा का रिन्यूअल किया है। यह 2022 तक है। साथ ही इन पुलिसकर्मियों ने संविदा पर अपनी सहमति भी दी थी। इसके लिए एक 5 सदस्यीय कमिटी भी बनाई गई थी और उसकी रिपोर्ट पर सरकार फैसला लेगी।

पुलिसकर्मियों ने रांची के मोरहाबादी मैदान को अपना आशियाना बना लिया है। वे हाथों में तख्तियां लेकर सरकार से अपनी मांग मनवाए बिना वापस नहीं जाने का एलान कर रहे हैं। इनका आरोप है कि इनसे वही काम लिया जाता है, जो रेगुलर पुलिसकर्मी से ली जाती है। यहां तक कि‍ नक्सली ऑपेरशन में भी इन्‍हें ले जाया जाता है, लेकिन उनके और रेगुलर पुलिसकर्मियों के तनख्वाह में आसमान-जमीन का फर्क है। सहायक पुलिसकर्मियों ने राजभवन और सीएम आवास के सामने अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन का भी मन बनाया है।

आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।