'गांव के गांव उजड़ गए, लेकिन...', आदिवासियों की रैली में बोले बाबूलाल मरांडी; कांग्रेस ने भी किया पलटवार
बाबूलाल मरांडी रविवार को भू-माफियाओं द्वारा रैयती जमीन की लूट के खिलाफ रांची में आयोजित आदिवासी संगठनों के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में पहुंचे। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए बाबूलाल ने कहा कि आदिवासियों की जमीनों पर सरकार के संरक्षण में कब्जा किया गया। कांग्रेस की सरकार में बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ लेकिन विस्थापितों के पुनर्वास की कोई व्यवस्था नहीं की गई।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी रविवार को भू-माफियाओं द्वारा रैयती जमीन की लूट के खिलाफ मोरहाबादी मैदान में विभिन्न आदिवासी संगठन के धरने के समर्थन में साथ बैठे और उन्हें संबोधित किया।
मरांडी ने कहा कि सरकार के संरक्षण में आदिवासियों की सैकड़ों एकड़ रैयती जमीन पर कब्जा किया गया है। कांग्रेस सरकार में बड़े पैमाने पर विस्थापन हुआ। गांव के गांव उजड़ गए, लेकिन विस्थापितों के पुनर्वास की चिंता नहीं की।
खतरे में आदिवासी समाज
उन्होंने आगे कहा कि विस्थापन के कारण आदिवासियों की जनसंख्या घटती गई। जो इसके लिए गुनाहगार हैं, वे अपने आप को आदिवासियों का हितैषी बता रहे। भू-माफियाओं के साथ-साथ लैंड जिहाद, लव जिहाद के माध्यम से आदिवासी समाज खतरे में हैं।उन्होंने कहा कि ऐसे हालात में परिसीमन के बाद आदिवासियों की विधानसभा और लोकसभा की सीटें घट जाएंगी।उन्होंने विभिन्न आदिवासी संगठनों को आश्वस्त किया कि वे उनकी लड़ाई में उनके साथ हैं। जो आदिवासी के नाम पर जनजाति समाज को धोखा दे रहे, वे दंड के भागी हैं।
उन्होंने सवाल उठाया कि आदिवासियों की गलत तरीके से ली गई जमीन का म्यूटेशन कैसे हो जाता है और क्यों नहीं दोषी पदाधिकारियों पर कारवाई होती है?
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