14 साल का वनवास काटकर भाजपा में वापस आए बाबूलाल मरांडी के पुराने बयान इन दिनों काफी चर्चा में हैं। बाबूलाल को हाल ही में झारखंड प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी गई है। अभी वे संकल्प यात्रा पर निकले हुए हैं। यात्रा दौरान वे लगातार राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं लेकिन उनके पुराने बयानों को ही आधार बनाकर सत्तारूढ़ गठबंधन कठघरे में खड़ा कर देती है।
By Pradeep singhEdited By: Mohit TripathiUpdated: Fri, 08 Sep 2023 12:12 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, रांची: भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी लगभग 14 साल तक भाजपा से अलग रहे। 2006 में गतिरोध के कारण उन्होंने अपनी पार्टी झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का गठन किया था। इस दौरान उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्विता भाजपा से ही रही, लिहाजा वे अकसर भाजपा को कठघरे में खड़ा करते नजर आते थे।
राजनीतिक परिस्थितियां बदली तो उन्होंने अपने दल झारखंड विकास मोर्चा का विलय भाजपा में कर दिया। वे तीन साल से अधिक समय से भाजपा में हैं। हाल ही में उन्हें
झारखंड प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी गई है।
गले की हड्डी बन रहे बाबूलाल के पुराने बयान
17 अगस्त से वे संकल्प यात्रा के जरिए विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर जनसभाएं कर रहे हैं। वे सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में जाएंगे।
इस दौरान वे लगातार राज्य सरकार पर निशाना साध रहे हैं, लेकिन उनके पुराने बयानों को ही आधार बनाकर प्रतिद्वंद्वी झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस कठघरे में खड़ा कर देती है।
यही नहीं, सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ी पुरानी खबरें और वीडियो भी इसका बड़ा माध्यम बन गई है।
CM पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने पर....
भ्रष्टाचार के आरोपों से लेकर चुनावी गठबंधन पर उनकी बातें
प्रतिद्वंदी दल इसी आधार पर नकारते हैं। जब उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को निशाने पर लेते हुए भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उनके उस पुराने बयान की याद दिलाई, जिसमें उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास पर विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाए थे।
राहुल गांधी के मसले पर कांग्रेस ने कसा तंज
जब उन्होंने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को लेकर टिप्पणी की तो प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने उन्हें पिछले लोकसभा चुनाव की याद दिलाते हुए कहा कि वे राहुल गांधी के पास सीट के लिए आग्रह करने गए थे।
भाजपा में शामिल होने के बजाय कुतुबमीनार से कूदने संबंधी उनके बयान का उपयोग अक्सर उनपर तंज कसने के लिए किया जाता है।
बाबूलाल के बचाव में जुटे भाजपा नेता
प्रदेश भाजपा के नेता बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक बयानों पर बचाव अवश्य करते हैं। वे
यह भी कहते हैं कि राजनीति में स्थायी दोस्ती-दुश्मनी नहीं होती।
ऐसे में सत्तारूढ़ गठबंधन को मुद्दों पर बात करनी चाहिए। ऐसा नहीं कर वे हल्की बातें कहकर मूल मुद्दों से बचने की कोशिश करते हैं।
सत्तारूढ़ गठबंधन के वार से कैसे निपटेंगे बाबूलाल
बाबूलाल मरांडी फिलहाल सत्तारूढ़ गठबंधन के निशाने पर हैं। जब उन्होंने सोरेन परिवार पर गलत तरीके से जमीनें लेने संबंधी आरोप लगाए तो भ्रष्टाचार संबंधी उनके आरोपों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पलटवार करते हुए उनके करीबियों पर ही आरोप मढ़ दिए।
बाबूलाल मरांडी ने तत्काल इसपर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्राथमिकी दर्ज कराने की मांग कर डाली। फिलहाल बयानों के जरिए दोनों तरफ से लगातार राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चरम पर है।
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