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कौन हैं रांची की दारोगा मीरा सिंह? जिन पर बाबूलाल मरांडी ने लगाए गंभीर आरोप, इलेक्शन कमीशन से कर दी ऐसी मांग

बाबूलाल मरांडी ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर दारोगा मीरा सिंह को चुनाव कार्य से मुक्त कराने का आग्रह किया है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मीरा सिंह रांची में पांच साल से अधिक समय तक पदस्थापित रही। इस बीच वह कुछ समय के लिए खूंटी में भी रहीं। खूंटी में पदस्थापन के दौरान वह रिश्वत की मांग करते एसीबी के हाथों रिश्वत लेते पकड़ी गईं थी।

By Dilip Kumar Edited By: Mohit Tripathi Updated: Thu, 21 Mar 2024 08:56 PM (IST)
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भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चुनाव आयोग से किया अनुरोध। (फाइल फोटो)
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर दारोगा मीरा सिंह को रांची जिला बल से हटाने और चुनाव कार्य से मुक्त करने का आग्रह किया है।

उन्होंने पत्र में लिखा है कि दारोगा मीरा सिंह रांची में पांच वर्ष से अधिक समय तक पदस्थापित रही हैं। इस बीच वह खूंटी जिला में भी कुछ समय तक रहीं।

बाबूलाल मरांडी ने लगाए गंभीर आरोप

खूंटी पदस्थापन के दौरान सेना के कार्यरत आदिवासी जवान की मां से रिश्वत की मांग की और एसीबी के हाथों रिश्वत लेते पकड़ी गईं।

मरांडी ने बताया कि सात महीने जेल में रहने के बाद जमानत पर जेल से बाहर निकलीं। सत्ता पक्ष में पैरवी और पहुंच बनाकर रांची जिला बल में पदस्थापन करवा लिया और थाना प्रभारी बन गईं। वहां प्रभारी बनने के साथ ही असंवैधानिक कार्यों में लिप्त होकर गरीब आदिवासियों की जमीन पर कब्जा करवाया।

दलालों को संरक्षण दिया, मादक पदार्थों व पशुओं की तस्करी कराई। मीरा सिंह ने निर्दोष विकास सिन्हा नामक व्यक्ति को थाना लाकर इतनी मारपीट की कि वह गंभीर रूप से घायल हो गया। यह मामला हाई कोर्ट में लंबित है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी इसपर संज्ञान लिया था।

कहा- प्रभावित हो सकता है चुनाव

बाबूलाल मरांडी ने निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है और बताया है कि इस पुलिस पदाधिकारी के रहने से चुनाव प्रभावित हो सकता है। निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनावी प्रक्रिया को संपन्न कराने में ये बाधक बन सकती हैं, इसलिए इन्हें रांची जिला बल से दूसरे जिले में स्थानांतरित किया जाय व चुनाव कार्य से इन्हें हटाया जाय।

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