Jharkhand CM हेमंत सोरेन के खिलाफ याचिका दाखिल करने वाले वकील राजीव कुमार को जमानत
Jharkhand News झारखंड के मुख्यमंत्री के खिलाफ जनहित याचिका करने वाले वकील राजीव कुमार को जमानत मिल गई है। गुरुवार को वह जेल से बाहर आ जाएंगे। अदालत ने एक-एक लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी है। मनी लांड्रिंग मामले में दाखिल की थी जमानत याचिका।
By Jagran NewsEdited By: M EkhlaqueUpdated: Wed, 09 Nov 2022 08:29 PM (IST)
रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court Lawyer Rajiv Kumar मनी लांड्रिंग मामले में आरोपित हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस एसके द्विवेदी की अदालत ने उनकी याचिका को स्वीकार करते हुए जमानत की सुविधा प्रदान की है। अदालत ने उन्हें एक-एक लाख रुपये के दो निजी मुचलके पर रिहा करने का निर्देश दिया है। उम्मीद जताई जा रही है कि राजीव कुमार गुरुवार को जेल से बाहर निकल जाएंगे।
जनहित याचिका मैनेज करने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोपएससी-एसटी के एक अन्य मामले में उन्हें निचली अदालत से जमानत मिल गई है। एक जनहित याचिका को मैनेज करने के नाम पर पचास लाख रुपये रिश्वत लेते हुए कोलकाता पुलिस ने राजीव कुमार को गिरफ्तार किया था। सुनवाई के दौरान राजीव कुमार की ओर से अदालत को बताया गया कि उन्हें जानबूझ कर फंसाया गया है। ईडी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि कोलकाता व्यवसायी अमित अग्रवाल ने राजीव कुमार को जाल बिछाकर गिरफ्तार कराया है। उसे अपनी जान पहचान वाले थाना प्रभारी के जरिए यह काम कराया है। जिस हेयर स्ट्रीट थाना की पुलिस ने राजीव कुमार को गिरफ्तार किया था। उस थाना क्षेत्र में न तो रिश्वत लेने की घटना हुई और न ही अमित अग्रवाल का घर है। इससे प्रतीत होता है कि उन्हें ट्रैप किया गया है।
अमित अग्रवाल ने ट्रैप कर कराया था राजीव को गिरफ्तारवहीं, व्यवसायी सोनू अग्रवाल ने अपने बयान में कहा है कि राजीव कुमार के पास वे गए थे और उनकी मध्यस्थता के जरिए अमित अग्रवाल से बातचीत हुई थी। राजीव कुमार कभी भी स्वयं कोलकाता उनसे मिलने नहीं गए थे, बल्कि मेरे बुलाने पर वे वहां गए थे। लेकिन अमित अग्रवाल ने उन्हें ट्रैप कराकर गलत किया है। अदालत ने राजीव कुमार को सशर्त जमानत की सुविधा प्रदान कर दी।
31 जुलाई 2022 को कोलकाता में पुलिस ने किया था गिरफ्तारबता दें कि हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को 31 जुलाई को कोलकाता से गिरफ्तार किया गया था। कोलकाता के व्यवसायी अमित अग्रवाल ने पुलिस में शिकायत करते हुए राजीव कुमार पर आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका में राहत पहुंचाने के नाम पर अधिवक्ता ने पहले 10 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन बाद में एक करोड़ रुपये देना निर्धारित हुआ। पहली किस्त 50 लाख रुपये लेने के लिए ही राजीव कुमार कोलकाता आए थे। हेयर स्ट्रीट थाने में इसकी शिकायत के बाद राजीव कुमार को गिरफ्तार किया गया। बाद में ईडी ने मनी लांड्रिंग का मामला दर्ज कर राजीव कुमार को रिमांड पर लेकर पूछताछ की। निचली अदालत से जमानत नहीं मिलने पर राजीव कुमार ने हाई कोर्ट जमानत याचिका दाखिल की थी।
राजीव कुमार को एसएसटी केस में भी मिली जमानतहाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को धोखाधड़ी कर जमीन बेचने एवं जाति सूचक शब्द से अपमानित करने के मामले में भी राहत मिली है। एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में विशेष न्यायाधीश मनीष रंजन की अदालत ने उन्हें जमानत की सुविधा प्रदान की है। बता दें कि रांची पुलिस ने अगस्त महीने में उक्त मामले में एससी-एसटी थाना में राजीव कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। रांची पुलिस ने 19 अगस्त को इस केस की सीआइडी जांच का प्रस्ताव भेजा था। सीआइडी ने मामले को टेक ओवर कर जांच प्रारंभ भी कर दी है।
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