सैप जवानों को हटाने पर रोक, Jharkhand High Court से मिली राहत
सैप के जवानों को हटाने के मामले में दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थियों को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए उनको हटाए जाने पर रोक लगा दी। अदालत ने मामले में सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी। कोर्ट के आदेश से 213 सैप के पदाधिकारियों और जवानों को राहत मिली है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाई कोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत में सैप के जवानों को हटाने के मामले में दाखिल याचिका पर गुरुवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थियों को अंतरिम राहत प्रदान करते हुए उनको हटाए जाने पर रोक लगा दी।
अदालत ने मामले में सरकार से जवाब मांगा है। अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी। इस संबंध में शिव कुमार साव सहित अन्य की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। कोर्ट के आदेश से 213 सैप के पदाधिकारियों और जवानों को राहत मिली है।
प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि नौ जुलाई 2025 को आइजी की ओर से वैसे सैप पदाधिकारी और जवानों की सूची मांगी गई थी, जिन्होंने दो साल या सात साल की सेवा पूरी कर ली हो। प्रार्थियों को आशंका है कि उन्हें हटा दिया जाएगा।
क्योंकि वर्ष 2023 में ऐसी सूची के आधार पर सैप के जवानों को हटा दिया गया था। प्रार्थी ने कहा कि सैप से जुड़ी योजना को वर्ष 2027 तक अवधि विस्तार दिया गया है, तो बीच में उन्हें हटाया नहीं जा सकता है।
इसके अलावा विभाग ने पूर्व में यह भी अनुशंसा की है कि सैप के सुबेदार, हवलदार की सेवानिवृत्ति 60 से 62 वर्ष में होगी। संविदा पर नियुक्त जवानों को फिर से संविदा की नियुक्ति से बदल नहीं सकते हैं। सुनवाई के बाद अदालत ने प्रार्थियों को राहत प्रदान करते हुए सरकार से जवाब मांगा।
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