Bandhu Tirkey: घुसपैठ की राजनीति वाले बयान के कांग्रेस में अलग-थलग हुए बंधु तिर्की, पार्टी ने भी किया किनारा
घुसपैठ पर शुरू हुई राजनीति के बाद पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की पार्टी में अलग-थलग होते हुई दिखाई दे रहे हैं। उनके इस कदम से प्रदेश में विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मुद्दा मिल गया है। बता दें कि बंधु तर्की और उनकी विधायक पुत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बिहार से आकर बसे लोगों को बाहरी बताकर प्रदेश की राजनीति को गर्म क दिया है।
राज्य ब्यूरो, रांची। पूर्व मंत्री और कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की पार्टी में अलग-थलग पड़ते दिख रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में विपक्ष को बैठे-बिठाए एक मुद्दा दे दिया है।
घुसपैठ पर शुरू हुई राजनीति को लेकर बंधु तर्की और उनकी विधायक पुत्री शिल्पी नेहा तिर्की बिहार से आकर बसे लोगों को बाहरी बता रहे हैं।बंधु ने भी मुद्दे को बड़ा बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। बंधु जिस लाइन पर बयानबाजी कर रहे हैं, वह पार्टी लाइन नहीं है। पार्टी के प्रवक्ता इसे बंधु तिर्की का निजी विचार बताने लगे हैं।
शिल्पी तिर्की ने दिया था एक बयान
उल्लेखनीय है कि उनकी पुत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने एक बयान देते हुए कहा था कि रामगढ़ में स्थानीय से कहीं अधिक बाहरी लोग मुखिया बन रहे हैं।इस बयान को सही करार देते हुए बंधु तिर्की ने भी कहा कि राजधानी रांची, धनबाद, बोकारो आदि शहरों में स्थानीय आबादी नाम मात्र की रह गई है। हालांकि कांग्रेस के एजेंडे में ऐसी कोई बात नहीं है।
कांग्रेस के विरोध में है मामला
दो दिन पहले तक कांग्रेस के प्रवक्ता अपने विधायक का बचाव करते दिख रहे थे, लेकिन अब स्पष्ट तौर पर कह रहे हैं कि यह तिर्की का व्यक्तिगत विचार है और इस मुद्दे पर अभी राजनीति को आगे नहीं बढ़ने देंगे।
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार पार्टी के सीनियर नेता झारखंड के एक और बंटवारे से संबंधित बयान को आगे करना चाहते थे, ताकि भाजपा नेताओं को फंसाया जा सके। मामला फिलहाल कांग्रेस के विरोध में जा रहा है।ये भी पढ़ें-Jharkhand Politics: झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठ और 'बाहरी' पर सियासत तेज, डेमोग्राफी पर वार-पलटवार का दौर जारी
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