पूर्व विधायक मनोज यादव बोले, दूसरों के लिए हीरो बनना असली पहलवानी Koderma News
Jharkhand Political Updates Koderma News मनोज यादव ने कहा कि प्राचीन काल में स्वस्थ एवं फिट रहने के लिए कुश्ती और योग करने की परंपरा रही है। वर्तमान समय में लाेग योग तैराकी एवं पहलवानी के माध्यम से खुद को फिट रखते हैं।
कोडरमा, जासं। बरही के पूर्व विधायक मनोज कुमार यादव ने कहा कि दूसरों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहना और किसी के साथ गलत नहीं करना असली पहलवानी है। अखाड़े के पहलवानों को अपनी जिंदगी में भी बुराई पर विजय पाना चाहिए। वह विश्व कुश्ती दिवस पर आयोजित वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि प्राचीन काल में स्वस्थ एवं फिट रहने के लिए कुश्ती और योग करने की परंपरा रही है।
वर्तमान समय में लाेग योग, तैराकी एवं पहलवानी के माध्यम से खुद को फिट रखते हैं। हर साल 23 मई को विश्व कुश्ती दिवस मनाया जाता है। करीब 117 साल पूर्व ऑस्ट्रिया में 23 मई को वर्ल्ड ग्रीको रोमन रेसलिंग मुकाबले का आयोजन किया गया था। यह भारतीय पारंपरिक अखाड़े से थोड़ा अलग है। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि पहलवानी में विश्व पटल पर देश का परचम लहराने वाले ओलंपियन सुशील इसी दिन हत्या के आरोप में गिरफ्तार किए गए।
यह बेहद शर्मनाक है। उन्हें पद्मश्री समेत कई पुरस्कारों से नवाजा गया है। जब कोरोना को लेकर लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे थे, सुशील भगौड़े की तरह भटक रहे थे। उन्होंने बताया कि कुश्ती के क्षेत्र में मेडल जीतने वाले पहलवान दीवान सिंह चाहर, पहलवान मखिया चौधरी, चंदगी राम का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है।
गामा पहलवान ने पाकिस्तान में की थी हिंदुओं की रक्षा
उन्होंने जानकारी दी कि आजादी से पहले गामा पहलवान का बहुत नाम था। जब किसी की बहादुरी की चर्चा होती थी तो कहा जाता था कि तुम गामा पहलवान हो क्या। गामा पहलवान अमृतसर में रहा करते थे। उनका असली नाम गुलाम मोहम्मद बख्स था। देश के बंटवारे के समय वह अमृतसर से लाहौर चले गए। लाहौर के जिस मोहल्ले में वे रहते थे, वहां कई हिंदू रहते थे। जब सांप्रदायिक दंगा भड़का हुआ था, तब वह अपने शागिर्दों के साथ हिंदुओं के मोहल्ले में पहरेदारी किया करते थे। उन्होंने हिंदुओं को यह भरोसा दिया था कि अपनी आखिरी सांस तक वह उनकी रक्षा करेंगे। इस वादे को उन्होंने निभाया भी।