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रेलवे का एलान- भूत दिखाया तो मिलेगा 50 हजार का इनाम, आखिर क्‍यों इस स्‍टेशन से खौफ खाते हैं लोग, रात में नहीं रुकती थीं ट्रेनें

रांची रेल मंडल के झालदा के बेगुनकोदर स्टेशन को भुतहा स्टेशन कहा जाता है। करीब 56 साल से यह स्‍टेशन इस तरह के आरोपों को झेल रहा है। 1960 में यह स्‍टेशन बनकर तैयार हुआ। इसके बाद लोग इससे इस कदर डरने लगे कि इसे बंद कर दिया। फिर 2007 में इसे दोबारा खोला गया। अब यहां रात और दिन दोनों ही समय ट्रेनें रुकती हैं।

By Jagran NewsEdited By: Arijita SenUpdated: Mon, 13 Nov 2023 02:37 PM (IST)
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भूतिया आरोपों के चलते बेगुनकोदर स्‍टेशन है बदनाम।
संवाद सहयोगी, सांकतोड़िया/रांची। भूत दिखाओगे तो 50 हजार रुपये का इनाम मिलेगा। झारखंड की सीमा से सटे पश्चिम बंगाल विज्ञान मंच की पुरुलिया जिला शाखा ने फिर से पुरस्कार की घोषणा की। रांची रेल मंडल के झालदा के बेगुनकोदर स्टेशन को भुतहा स्टेशन कहा जाता है। करीब 56 साल पहले इस स्टेशन की भूत रहस्य की बात लीक हुई थी।

इस वजह से गढ़ी थी भूत की कहानी

भूत चतुर्दशी से पहले इलाके के एक बुजुर्ग ने इसका राज खोला। उस समय स्टेशन मास्टर बैद्यनाथ सरकार थे। जिन्होंने भूत दिखने की बात पूरी तरह झूठी गढ़ी थी।

बेगुनकोदर थाना क्षेत्र के निवासी व शिक्षक परमेश्वर कुमार व शंकर कुमार ने बताया कि दरअसल, स्टेशन मास्टर की चार बेटियां इलाके में छेड़छाड़ की शिकार हुई थीं। लिहाजा वह ट्रांसफर चाहते थे। नहीं मिलने पर उन्होंने भूत की कहानी गढ़ी।

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भूत के डर से सदियों बंद रहा यह स्‍टेशन

1960 तक यह स्टेशन बनकर तैयार हो गया था। उस समय स्टेशन का इलाका सुनसान था। स्टेशन मास्टर के अलावा एक और कर्मचारी था।

दक्षिण पूर्व रेलवे के रांची डिविजन के इस स्टेशन के बगल में एक गांव है बामनिया, जो मौजा बेगुनकोदर में है इसलिए स्टेशन का नाम बेगुनकोदर है।

भूतिया आरोपों के कारण सदियों तक बंद रहने के बाद काफी आंदोलन के बीच 2007 में इस स्टेशन को दोबारा खोला गया, लेकिन रेलवे की शर्त थी कि इस स्टेशन पर ट्रेनें केवल दिन में ही रुकेंगी।

पहले रात में नहीं रुकती थीं ट्रेनें

वहां रेलवे एजेंट के जरिए टिकट बेचे जाएंगे। तब से यह परंपरा आज भी जारी है। हालांकि, प्रशासन द्वारा यह साबित करने के बाद कि इस स्टेशन पर कोई भूत नहीं हैं, फिलहाल रात में भी ट्रेनें रुक रही हैं।

रेलवे कार्यालय की ओर से स्टेशन सौंदर्यीकरण का काम शुरू हो गया है लेकिन ''भूत-भूत'' का लेबल अभी नहीं कटा है। यह सीमांत स्टेशन अपनी भूतिया बदनामी और अफवाहों के साथ सब भी लोगों के दिल में रच बस गया है।

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