पूजा-पाठ से करें New Year के पहले दिन की शुरुआत, ये रही बेस्ट तीर्थ स्थल की लिस्ट
कुछ लोग नए साल पर घूमने के लिए बाहर जाते हैं। वहीं कई ऐसे भी होते हैं जो भगवान का नाम लेकर नए साल की शुरुआत करना चाहते हैं। झारखंड में भी ऐसे बहुत से पवित्र स्थल हैं जहां आप जा सकते हैं। इसके साथ ही झारखंड की सीमा से सटे भी कुछ ऐसे पवित्र तीर्थ स्थल हैं जहां लोग जाते हैं।
जागरण संवाददाता, रांची। नया साल सामने है। कुछ ही दिन शेष है। कुछ लोग नए साल पर घूमने के लिए बाहर निकल गए हैं। कुछ तैयारी कर रहे हैं। कुछ साल का पहला दिन भगवान के चरणों में बिताना चाहते हैं। नए साल में नए संकल्प के साथ।
झारखंड में भी ऐसे बहुत से पवित्र स्थल हैं, जहां लोग नए साल में जाना चाहेंगे। इसके साथ ही झारखंड की सीमा से सटे भी कुछ ऐसे पवित्र तीर्थ स्थल हैं, जहां लोग जाते हैं। चाहे बनारस की बात हो या फिर पं बंगाल के तारापीठ की तो आइए, कुछ ऐसे ही स्थलों की ओर जाते हैं। नए साल में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है।
बाबा भोले की नगरी काशी
- रांची से काशी 450 किमी
- ट्रेन, बस या निजी साधन से जा सकते हैं
काशी में और भी बहुत कुछ है। यहां संध्या गंगा आरती देख सकते हैं। संकट मोचन मंदिर में हनुमान का दर्शन कर सकते हैं। यहां कई प्राचीन मंदिर हैं। मां गायत्री का भी मंदिर है। मानस मंदिर भी है। इसके साथ यहां सारनाथ में बौद्ध स्थलों को भी देख सकते हैं।
शक्ति का केंद्र तारापीठ
- रांची से तारापीठ की दूरी 340 किमी
- ट्रेन, बस या निजी साधन
लोगो का मानना है कि है वामाखेपा को मां तारा के मंदिर के समीप महाश्मशान में तारा देवी के दर्शन हुए थे। यहीं पर वामाखेपा को सिद्धि प्राप्त हुई थी। मां तारा, काली माता का एक रूप है। मां काली ही माता तारा है। वहीं, झारखंड के मलूटी में मां मौलिक्षा का मंदिर है। मौलिक्षा देवी को मां तारा की बड़ी बहन कहा जाता है। मलूटी को गुप्तकाशी भी कहा जाता है। तो, मौलिक्षा और मां तारा दोनों का दर्शन कर सकते हैं।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।बाबा की नगरी
- रांची से देवघर की दूरी 250 किमी
- ट्रेन, बस या निजी साधन से
टांगीनाथ धाम
- रांची से दूरी 190 किमी
- निजी साधन से
मां छिन्नमस्तिके
- रांची से दूरी 80 किमी
- निजी साधन या बस से