झारखंड की बड़ी उपलब्धि, पतरातू में जल्द शुरू होगा बिजली का उत्पादन; 2024 में पहली यूनिट हो जाएगा आरंभ
झारखंड में पतरातू में जल्द बिजली का उत्पादन आरंभ हो जाएगा। अगले साल यानि 2024 से इसकी एक यूनिट से उत्पादन शुरू होने लगेगा। इस बात की जानकारी झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के प्रबंध निदेशक केके वर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि 2016 में झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने तैयार करने की स्वीकृति ऊर्जा संचरण निगम को दी थी। अब जाकर इसमें सफलता मिल पाई है।
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड बिजली वितरण निगम और एनटीपीसी की ज्वाइंट वेंचर कंपनी पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (पीवीयूएनएल) से जल्द बिजली का उत्पादन आरंभ हो जाएगा।
अगले साल से इसकी एक यूनिट से उत्पादन होने लगेगा। शुक्रवार को तेनुघाट ताप विद्युत स्टेशन से 400 केवी लाइन पर स्टार्टअप मिलना आरंभ हो गया है।
झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड (जेयूएसएनएल) और एसएलडीसी ने मिलकर थर्मल पावर को बिजली देने के लिए 400 केवी का तेनुघाट जीआईएस (गैस इंस्यूलेटेड सबस्टेशन) तैयार कर उसे शुक्रवार की शाम पांच बजे चार्ज कर दिया। अब पतरातू थर्मल पावर प्लांट को बिजली उत्पादन शुरू करने के लिए 400 केवी वोल्ट पर बिजली दी जा सकेगी।
प्रबंध निदेशक केके वर्मा ने क्या कहा
झारखंड ऊर्जा संचरण निगम के प्रबंध निदेशक केके वर्मा ने यह जानकारी दी। केके वर्मा ने बताया कि 2016 में झारखंड विद्युत नियामक आयोग ने इसे तैयार करने की स्वीकृति ऊर्जा संचरण निगम को दी थी। इसके बाद से जेयूएसएनएल और एसएलडीसी इसे तैयार करने में जुटा था। अब जाकर इसमें सफलता मिली है।
उन्होंने कहा कि अब पतरातू से तेजी से बिजली उत्पादन का काम शुरू किया जा सकता है। बड़े थर्मल पावर प्लांट को बिजली उत्पादन शुरू करने के लिए हाई वोल्ट पर बिजली की जरूरत पड़ती है, जिसे अब पूरा कर दिया गया है।
अगले साल पहला चरण हो जाएगा आरंभ
पीवीयूएनएल सुपर थर्मल पावर प्लांट से दो फेज में कुल 4000 मेगावाट बिजली उत्पादन किया जाना है। पहले फेज में 800 मेगावाट की तीन यूनिट होगी, जिससे पहले चरण में 2400 मेगावाट, दूसरे फेज में 800 मेगावाट के दो यूनिट होंगे, जिससे कुल 1600 मेगावाट का बिजली उत्पादन होगा।
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एनटीपीसी और जेबीवीएनएल के बीच हुए करार के अनुसार, प्लांट को शुरू करने के लिए जेबीवीएनएल हाई वोल्ट पर अपने स्रोत से बिजली देगा। इस प्लांट से बिजली उत्पादन होने के बाद झारखंड में सरप्लस बिजली होगी। इससे राज्य में उद्योगों का तेज गति से विकास हो सकेगा। बिजली पर बाहरी निर्भरता नहीं के बराबर होगी।
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