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झारखंड HC से बिहार की महिला को झटका, कोर्ट ने कहा- सिर्फ शादी से नहीं मिलेगा राज्य में आरक्षण का लाभ

Jharkhand News झारखंड हाईकोर्ट ने आरक्षण मामले में बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि आरक्षित श्रेणी की किसी महिला की शादी यदि झारखंड में हुई तो उसे राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता। उस महिला को उसके मूल राज्य में ही आरक्षण का लाभ मिलेगा। रीना कुमारी राणा ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।

By Manoj Singh Edited By: Shashank ShekharUpdated: Sat, 23 Dec 2023 07:51 PM (IST)
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झारखंड HC से बिहार की महिला को झटका, कहा- सिर्फ शादी से नहीं मिलेगा राज्य में आरक्षण का लाभ
राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस राजेश शंकर की अदालत ने आरक्षण के मामले में सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। अदालत ने कहा कि आरक्षित श्रेणी की किसी महिला की शादी यदि झारखंड में हुई है तो उसे राज्य में आरक्षण का लाभ नहीं मिल सकता।

उस महिला को उसके मूल राज्य में ही आरक्षण का लाभ मिलेगा। इस आदेश के साथ अदालत ने महिला की याचिका खारिज कर दी।

JSSC के फैसले को दिया गया था चुनौती

इस मामले में रीना कुमारी राणा ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका में कहा गया था कि 2016 में झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने शिक्षक नियुक्ति के लिए विज्ञापन निकाला था। नियुक्ति प्रक्रिया में प्रार्थी रीना राणा भी शामिल हुई थी।

उस परीक्षा में उनका चयन भी हो गया था, लेकिन दस्तावेज सत्यापन के वक्त अपने पति के नाम के साथ जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण का दावा किया। हालांकि, जेएसएससी ने उन्हें अपने पिता के नाम के साथ जारी जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने को कहा।

उनकी ओर से बिहार से जारी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराया गया। इस पर जेएसएससी ने उन्हें आरक्षण का लाभ देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद प्रार्थी ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। सुनवाई के दौरान जेएसएससी की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने अदालत को बताया कि प्रार्थी का जन्म बिहार में हुआ है। इसलिए, उसे झारखंड में आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता।

राज्य सरकार को स्थानीय लोगों को ही आरक्षण देने का अधिकार- SC

इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी स्पष्ट आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार को अपने स्थानीय लोगों को ही आरक्षण देने का अधिकार है। प्रार्थी का कहना था कि उनकी शादी झारखंड के गोड्डा जिले में हुई है। उनके पति झारखंड में आरक्षित श्रेणी लोहरा जाति से आते हैं, इस कारण वह झारखंड में भी आरक्षण की हकदार है।

पूर्व में सभी पक्षों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद कोर्ट फैसला सुनाते हुए कहा कि अगर कोई महिला बिहार में या किसी दूसरे राज्य के आरक्षित श्रेणी में आती है, लेकिन उसकी शादी झारखंड में हुई है तब भी उसे आरक्षण का लाभ नहीं मिलेगा। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया है कि जिस राज्य में किसी व्यक्ति का जन्म हुआ है, उसे उसी राज्य में आरक्षण का लाभ मिलेगा।

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