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Ranchi News: हेमंत सरकार का बड़ा फैसला, वित्त रहित शैक्षणिक संस्थानों का तैयार होगा डेटाबेस; होंगे ये फायदे

झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने वित्त रहित शिक्षण संस्थानों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके तहत सरकार अब इन संस्थानों से जुड़े स्कूलों कॉलेजों और मदरसों के लिए डेटाबेस तैयार करवाएगी। इन वित्त रहित संस्थानों का डेटाबेस ऑनलाइन मोड में उपलब्ध होगा। शिक्षा विभाग के द्वारा इसे लेकर अलग से पोर्टल तैयार करने का फैसला किया गया है।

By Neeraj AmbasthaEdited By: Shashank ShekharUpdated: Sun, 15 Oct 2023 06:58 PM (IST)
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हेमंत सरकार का बड़ा फैसला, वित्त रहित स्कूल-कॉलेजों के लिए बनवाएगी पोर्टल
राज्य ब्यूरो, रांची। राज्य सरकार ने वित्त रहित संस्थानों जैसे इंटर कॉलेजों, माध्यमिक विद्यालयों, संस्कृत विद्यालयों तथा मदरसों का पूरा डेटाबेस तैयार करने का फैसला किया है। इन वित्त रहित संस्थानों का पूरा डेटाबेस डिजिटल मोड में उपलब्ध होगा।

साथ ही इनकी स्थापना अनुमति, मान्यता से लेकर से अनुदान देने की सारी प्रक्रियाएं ऑनलाइन होंगी। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा इसे लेकर पहली बार अलग से पोर्टल तैयार करने का फैसला लिया है।

विभाग के निर्देश पर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने पोर्टल के निर्माण, संचालन तथा मेंटनेंस को लेकर इच्छा की अभिव्यक्ति आमंत्रित की है।

संस्थानों का पूरा डेटाबेस होगा उपलब्ध

वर्तमान में विभागीय पोर्टल पर अनुदान के लिए आवेदन से लेकर स्वीकृति की प्रक्रिया ऑनलाइन तो की जाती है, लेकिन पहली बार इसके लिए अलग से पोर्टल संचालित होगा, जिसमें इन संस्थानों का पूरा डेटाबेस होगा।

इसमें संस्थानों के पास उपलब्ध जमीन, उसके निबंधन से लेकर उसकी पूरी संपत्ति का भी उल्लेख होगा। संस्थानों को पिछले तीन साल में दिए गए अनुदान, छात्रों की कक्षावार संख्या, मैट्रिक तथा इंटरमीडिएट के परिणाम, शिक्षकों की संख्या आदि सभी कुछ ऑनलाइन होगी।

अनुदान की विभिन्न प्रक्रियाएं भी आनलाइन होंगी। संस्थानों द्वारा अनुदान के लिए निबंधन, जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा सत्यापन तथा उसकी स्वीकृति या अस्वीकृति की प्रक्रिया, झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा स्वीकृति या अस्वीकृति के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय द्वारा स्वीकृति या अस्वीकृति की सभी प्रक्रियाएं ऑनलाइन पूरी की जाएंगी।

संस्थानों का होगा यूनिट आईडी

संस्थानों का ब्योरा ऑनलाइन किए जाने के क्रम में उसे यूनिट आईडी भी दिया जाएगा ताकि उसके आधार पर संस्थानों को ट्रैक किया जा सके। सबसे बड़ी बात है कि संस्थानों की निगरानी तथा शिकायतें दर्ज करने की भी प्रक्रिया ऑनलाइन की जा सकेगी।

फर्जीवाड़ा तथा अनियमितता पर लगेगी रोक

इस एमआइएस (मैनेजमेंट इंफारमेशन सिस्टम) पोर्टल के संचालन से संस्थानों में फर्जीवाड़ा तथा अनियमितता पर रोक लग सकेगी। वित्त रहित संस्थानों को राज्य सरकार वर्तमान में अनुदान तो देती है, लेकिन इनकी निगरानी सही ढंग से नहीं हो पाती।

संस्थानों का भौतिक सत्यापन जिला शिक्षा पदाधिकारियों द्वारा तो किया जाता है, लेकिन अक्सर संस्थानों में अनियमितता की शिकायतें मिलती रहती हैं। पोर्टल के निर्माण से संस्थानों पर विभागीय नियंत्रण मजबूत होगा।

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